मन में जज़्बा हो तो कोई चुनौती रोक नहीं सकती
अगर कुछ कर दिखाने का जज़्बा दिल में हो तो , कोई रोके ना रोक सकता जज़्बा रखने वाले को । जी हां आज मैं एक ऐसे बच्चे के बारे में बात कर रही हूं जो अपने जीवन के शैशवास्था बाल्यावस्था किशोरावस्था में स्वस्थ, सुन्दर,प्रखर बुद्धि,प्रतिभावान बालक शारीरिक रुप से अविकसित रहा.लेकिन गुरु कृपा,परिवार के अथक प्रयास से,विज्ञान के चमत्कार से आज वह पूर्ण रूप से अपनी अवस्थानुसार विकसित, स्वस्थ,प्रतिभाशाली, युवा हमारे सामने है.उसने इंटर तक की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की लेकिन परिवार का संरक्षण सदा बना रहा.वह बचपन से ही दयालु,उदार,अपने बड़ो व गुरुओं का सम्मान करने वाला,बच्चों से स्नेह करता,सेवा भाव, धार्मिक प्रवृति वाला बालक रहा. प्रारंभिक अवस्था के कारण विकसित न होने के कारण कुछ ना समझ लोगों के बीच ही दया का पात्र बनता है , परंतु वो दया का पात्र न बनते हुए, उन सभी पूर्णतः विकसित लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बना जो इंसानियत को महत्व ना देते हुए सिर्फ और सिर्फ अपने स्वार्थ को महत्व देते हैं , इन सब से परे रह अपनी अलग पहचान बनाने वाला ये बच्चा जिसका नाम दिव्यांश मेहरोत्रा है जो कि मुज्जफरपुर बिहार का रहने वाला है समाज सेवा के प्रति पूर्णतः समर्थन भाव रख निष्काम भावना से निरंतर सेवा देकर अपना जीवन समाज के नाम कर रहा है , दिव्यांश से मेरी मुलाकात फोन पर ही लखनऊ के एक केस के संबंध में हुई थी , जिसमें ब्लड की जरुरत थी दिव्यांश ने पूर्णतः सहयोग करते हुए सहयोग करवाया था , तब से लेकर आज तक दिव्यांश से बहुत ही बेहतरीन रिश्ता ममता का बन गया है , धीरे-धीरे दिव्यांश के बारे में जानकारी मिली की दिव्यांश बचपन में शारीरिक रूप से पूर्णतः विकसित नहीं हो पाए , बचपन में उनके कुछ बच्चे मज़ाक बनाने लगे पर दिव्यांश का छोटा भाई और परिवार वाले उसकी ढ़ाल बन सदैव उसके साथ खड़े रहे , उसके प्रेरणा स्त्रोत बन कर भी , दिव्यांश की दादी जो कि एक लेखिका भी हैं सदैव दिव्यांश के भावनात्मक पहलुओं को दिव्यांश को काग़ज़ों पर उतारने के लिए भी प्रेरित करती रहती हैं । दिव्यांश घर से ज्यादा बाहर नहीं जा पाते वो भी घर बैठे अपने फोन के माध्यम से देश के किसी भी कोने में जरूरत मंदों की मदद् कभी पुलिस अधिकारियों से , कभी समाज सेवियों से तो कभी किसी परिचित से सहयोग मांग करवाते बस एक जज़्बा कि जो थी अपनी कमी को बेचारगी नहीं अपितु अपनी कमी को एक चिंगारी बना जज़्बे को दुनिया के लिए मिसाल बन एक प्रेरणा स्त्रोत बनना है , सच यदि दिल में जोश हो और कुछ इंसान करने की ठान ले तो इंसान कुछ भी कर सकता है , फिर तो ऐसे में उसे कोई पर्वत तूफान भी नहीं रोक सकते हैं। हाल ही में दिव्यांश को एक सम्मान समारोह में उनकी समाज सेवा के लिए सम्मानित भी किया गया । और अतिथि द्वारा सभी के समक्ष दिव्यांश को नमन कर सबको एक सीख लेने की नसीहत भी दी गई। गर्व है हमें देश के एसे नवयुवाओं पर जो देश और समाज के लिए समर्पित भाव से सदैव आगे आते ।
== वीना आडवाणी तन्वी