मस्ती
निकला तलाशें सकूं जो
देखा जो जाके इधर उधर
हर जगह बैचेन ही
जिसको भी देखा
किसी को काबे तो
किसी को मयखाने में
ढूंढ़ते सकूं को देखा
और सकूं को
फकीरों के बीच मस्त देखा
निकला तलाशें सकूं जो
देखा जो जाके इधर उधर
हर जगह बैचेन ही
जिसको भी देखा
किसी को काबे तो
किसी को मयखाने में
ढूंढ़ते सकूं को देखा
और सकूं को
फकीरों के बीच मस्त देखा