हिंदी दिवस है आया
वाह-वाह हिंदी दिवस है आया,
हम सबको है जगाने आया,
हिंदी का उत्थान है करना,
प्रेम-पंथ दिखलाने आया.
हिंदी है अपना अभिमान,
हिंदी बढ़े, है यह अरमान,
हिंदी का उपयोग करेंगे,
हिंदी अपना मान-सम्मान.
एकता का अलख जगाए हिंदी,
हमको सजग बनाए हिंदी,
‘ह’ से हिमालय शीश देश का,
‘ह’ से हिंदी देश की बिंदी.
‘ह’ से हिंदुस्तान की धरती,
प्रेम और बलिदान की धरती,
सूर-कबीरा-रहीम की धरती,
संतों और महंतों की धरती.
अंग्रेजी ने दास बनाया,
हिंदी ने आजाद कराया,
अब बनता कर्तव्य हमारा,
हिंदी हो हम सबका साया.
बातें नहीं हम काम करेंगे,
हिंदी से जीवन-घट को भरेंगे,
कामकाज की हो यह भाषा,
इसकी सब बाधाएं हरेंगे.
हिंदी हमारी चाहत है,
हिंदी-उत्थान से राहत है,
हिंदी की उन्नति देख कहेंगे,
वाह वाह क्या बात है!