गीत/नवगीत

हिंदी

हिंदी हैं हम बिंदी हैं हम माँ भारती के भाल की
है सुशोभित पुष्प संरचना ये उर के माल की
है एकता में अनेकता
फिर भी है ये समरसता
सब अंग हैं हिंदी के
हिंदी सबके धड़कन ताल की
हिंदी हैं हम बिंदी हैं हम माँ भारती के भाल की
रचना नहीं इसके बिना
कोई नहीं है कल्पना
बढ़ती नहीं है लेखनी
माँ शारदा के लाल की
हिंदी हैं हम बिंदी हैं हम माँ भारती के भाल की
शब्दों में भावों को बसाये
कवि के मन को सजाये
स्वाती बसाये हृदय में
वैसे वधू को पालकी
हिंदी हैं हम बिंदी हैं हम माँ भारती के भाल की
— पुष्पा अवस्थी “स्वाती”

*पुष्पा अवस्थी "स्वाती"

एम,ए ,( हिंदी) साहित्य रत्न मो० नं० 83560 72460 [email protected] प्रकाशित पुस्तकें - भूली बिसरी यादें ( गजल गीत कविता संग्रह) तपती दोपहर के साए (गज़ल संग्रह) काव्य क्षेत्र में आपको वर्तमान अंकुर अखबार की, वर्तमान काव्य अंकुर ग्रुप द्वारा, केन्द्रीय संस्कृति मंत्री श्री के कर कमलों से काव्य रश्मि सम्मान से दिल्ली में नवाजा जा चुका है