मां
रात एक सपना देखा
खुद को छोटे बच्चें के रूप में
मां की गोद में लेटा देखा
लिपटा हूं उसके बक्षस्थल से
अपने आंचल से ढक रखा है उसने मुझे
नजरों से बचाने के लिए
उसने यह पर्दा डाला है
निश्चिंत था
न डर था
न थी कोई परवाह
आज़ाद था गमों से
एक खटके से आंख खुल गई
मैं अपने बिस्तर की गोद में था
हाय मेरा इक सुंदर सपना टूट गया
फिर अपनी उसी दुनियां लौट आया
जहां गम था चिंता थी
कल क्या होगा
इसकी फिकर थी
जब तक
मां की गोद में था निश्चिंत था..