कोशिश
कोशिश एक कशिश है.
हर कोई कोशिश की कशिक को अनुभूत करना चाहता है.
प्रातःकाल की सैर इसके लिए अत्यंत मुफ़ीद समय है.
सुबह की सुखद-सुरभित बेला में चिड़ियों की चहक की कोशिश मन को कोशिश करने के लिए प्रेरित करती है.
चलते-चलते अनेक परिचित-अपरिचित चेहरे दिख जाते हैं. बातें होती हैं, सुख-दुःख बांटे जाते हैं. एक दूसरे की उलझनों को सुलझाने की कोशिश जारी रहती है.
उस समय तक मन-मस्तिष्क में कोई ऐसे-वैसे विचार नहीं ठूंसे गए होते हैं इसलिए अनेक नजारे देखते हुए मन में कोई रचना नाचने लगती है. उसे पकड़े रखने की कोशिश जारी रहती है.
कोशिश हर कोई हर समय करता रहता है.
कबूतरी दाना लाकर बच्चों को चुगवाने की कोशिश करती है.
कबूतर उन्हें प्यार करना सिखाने की कोशिश करता है.
कोशिश कविता को करोड़पति बनाता है.
चलने की कोशिश में बहुत सी सड़कें ऐसी भी मिलती हैं कि लोग जानने की कोशिश करते हैं- “भैया, सड़क में गड्ढे हैं या फिर गड्ढों पर सड़क.”
ऐसे में एक दुल्हन यूनिक वेडिंग फोटोशूट के जरिए “सड़क में गड्ढे हैं या फिर गड्ढों पर सड़क” प्रश्न का उत्तर तलाशने की कोशिश करती है.
उसकी यह कोशिश वायरल हो जाती है.
उसकी इस वायरल कोशिश से शायद सड़क में गड्ढे भरने का शुभ काम शुरु करने की कोशिश की जाए!
यह कोशिश कामयाब हो गई तो यह कहानी लिखने की कोशिश भी शायद कामयाब हो जाए!