लघुकथा

कुत्ते

मोहल्ले में आने के लिए बाहर कुत्तों की भीड़ लगी थी ! मोहल्ले के लोगों को बरगलाने के लिए कुत्तों  ने कई राष्ट्रीय दल बनाए | अपनी आवाज उन राष्ट्रीय दलों में न सुनी जाने के कारण कुछ कुत्तों ने क्षेत्रीय दल भी बनाए | सबने अपने अपने हाथों में बड़े बड़े बैनर उठाये हुए थे | सबके अपने अपने नारे थे | कुछ दलित चेतना की बात कर रहे थे | कुछ भ्रष्टाचार जड से मिटाने का सपना दिखा रहे थे | वही कुछ ने तिलक लगा लिए थे | तो कुछ टोपी पहन कर नौटंकी करने में लगे थे |  सभी एक दूसरे पर गुर्रा रहे थे | ताकि मोहल्ला वासियों में अपने प्रति संवेदना जागृत कर सकें |

अंतत: पांच वर्ष की प्रतीक्षा के अन्तराल पर मोहल्ले का दरवाजा खोलने का समय आया | इस बार मोहल्ले की सुरक्षा किसके हाथों सौपनी है ,इसके लिए गुप्त मतदान हुआ |

मोहल्ले में आते ही कुत्ते अपने वायदे भूल गए | पर बार बार अपने वायदे पूरे करने की बातें कह कर केवल भोंकते रहे | दलित दमन अब भी जारी था | मेरिट में आए अपने होनहार सवर्ण बच्चों का शिक्षा संस्थानों में प्रवेश न मिलने पर व आरक्षण कोटे के कारण नौकरी न मिलने पर जन मानस में अब भी आक्रोश था | सरकारी दफ्तरों में अपना काम करवाने के लिए मोहल्लावासी अब भी भेंट देने को विवश थे | धर्म के नाम पर अब भी दंगल हो रहे थे |

आख़िरकार मोहल्लेवालों ने समझ लिया कि कुत्ते मोहल्ले से बाहर रह कर ही उनके हित की भाषा बोलतें हैं , पर मोहल्ले के अंदर आते ही वह अपनी जात पर आ जाते हैं |

— विष्णु सक्सेना

विष्णु सक्सेना

पिता - स्व ;महाशय विशम्बर दयाल माता -स्व ;श्रीमती कौशिल्या देवी जन्म -26 जनवरी 1941 ,दिल्ली शिक्षा -,डी एम् ई आनर्स रूडकी विश्वविद्यालय 1964 सम्प्रति -सेवा निवृत डिप्टी चीफ इंजिनियर एच एम् टी पिंजोर ; अब स्वतंत्र लेखन ; राज्य श्रेष्ठ कृति -बैंजनी हवाओं में [काव्य संग्रह ] भाषा विभाग हरियाणा द्वारा [1972] ;अक्षर हो पुरुस्कार तुम [खंड काव्य ] हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा 2014 ; पुरुस्कृत कहानियाँ -वापसी [1996] ,चमक आत्म सम्मान की [1997] ,मुक्ति एक बोन्जाई की [1999] तीनो कहानियां हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा पुरुस्कृत लघु शोध प्रबंध -विष्णु सक्सेना –व्यक्तित्व व कृतित्व [1998] कुसुम लता द्वारा :कहानीकार विष्णु सक्सेना [2004] अनीता नयन द्वारा : अक्षर हो तुम में मानव मूल्य [2017] कृषण चंदर द्वारा ; सभी कुरुषेत्र विश्वविद्यालय हरियाणा से एम् फिल के लिए स्वीकृत सम्मान -राष्ट्रीय हिंदी सहस्त्राब्दी सम्मान [2000] मानव संसाधन मंत्रालय नई दिल्ली : व अन्य सम्पादन -कलादीप [लघु पत्रिका ]1973 से 1975 तक :चित्रांश उदगार [एकता अंक ]सितम्बर 1997 मौलिक कृतियाँ -काव्य संग्रह –बैंजनी हवाओं में 1976, गुलाब कारखानों में बनते हैं 1995,धूप में बैठी लड़की 2010 .सिरहन सांसों की 2013 :खंड काव्य –अक्षर हो तुम 2013 ,सुनो राधिके सुनो 2021 : कहानी संग्रह _बड़े भाई 1995 ,वापसी 2003 : लघु कथा संग्रह _एक कतरा सच 2018 सम्पर्क -एस जे 41 , शास्त्री नगर ,गाज़ियाबाद 201002 उ प्र : मो - 9896888017 ई मेल [email protected]