समाचार

जयपुर काव्य सम्मान 2022 से विष्णु सक्सेना सम्मानित

जयपुर साहित्य संगीती द्वारा 15 जनवरी 2023 को मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर देश भर से आए साहित्य की विभिन्न विधाओं के लेखकों को उनकी 2021 व 2022 में प्रकाशित पुस्तकों के लिए जयपुर के प्रतिष्ठित साहित्य सम्मान से नवाजा गया। गाजियाबाद के प्रतिष्ठित कवि विष्णु सक्सेना को भी उनके खंड काव्य ” सुनो […]

लघुकथा

आस्था

इस सदी के सबसे लम्बे चन्द्र ग्रहण के अवसर पर एक प्रतिष्ठित टी वी चैनल पर ग्रहण के खगोलीय व आस्था पक्ष को लेकर जोरदार बहस चल रही थी | खगोलविद राकेश चन्द्र ग्रहण को विज्ञान की कसोटी पर परख कर इसे केवल एक खगोलीय घटना सिद्ध करने में लगे थे | ज्योतिषाचार्य राज पंडित […]

समाचार

विष्णु सक्सेना को जय शंकर प्रसाद सम्मान

उ. प्र हिंदी संस्थान लखनऊ द्वारा अपने 46 वें स्थापना दिवस पर 2021 में प्रकाशित पुस्तकों के लिए नामित तथा सर्जना पुरुस्कार 30 दिसम्बर को प्रदान किए गए। साहित्य की विभिन्न विधाओं में 35, 35 पुरुस्कार दिए गए।संस्थान के यशपाल सभागार में आयोजित समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार डा राम कठिन सिंह , डा सुधाकर अदीब […]

लघुकथा

जागरूकता

रेलवे प्लेटफार्म साफ सुथरा चमक रहा था ,सफाई कर्मचारी अभी अभी झाडू लगा कर गया था | एक बेंच पर एक नव विवाहित युगल दंपत्ति बैठा था | पुरुष ने अपने थैले से मूमफली से भरा एक  लिफाफा निकाला | मूमफली से दाने निकालकर प्यार से अपनी पत्नी को दिए | पर छिलके वहीँ प्लेटफार्म […]

लघुकथा

कुत्ते

मोहल्ले में आने के लिए बाहर कुत्तों की भीड़ लगी थी ! मोहल्ले के लोगों को बरगलाने के लिए कुत्तों  ने कई राष्ट्रीय दल बनाए | अपनी आवाज उन राष्ट्रीय दलों में न सुनी जाने के कारण कुछ कुत्तों ने क्षेत्रीय दल भी बनाए | सबने अपने अपने हाथों में बड़े बड़े बैनर उठाये हुए […]

समाचार

जय शंकर प्रसाद पुरुस्कार से सम्मानित विष्णु सक्सेना

गाजियाबाद के वरिष्ठ कवि व कहानीकार विष्णु सक्सेना को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान लखनऊ से 2021 के लिए उनके दूसरे खंड काव्य ” सुनो राधिके सुनो” के लिए ” जय शंकर प्रसाद” पुरुस्कार से सम्मानित किया गया है। इसके लिए उन्हें 75000 रुपए के पुरुस्कार से सम्मानित किया जाएगा। सक्सेना जी पेशे से इंजीनियर हैं […]

लघुकथा

अंधी दौड़

बढते समय के साथ वह दो से चार हुए थे और कालान्तर में फिर से दो ही रह गए थे | उनके दोनों ही बेटे एक के बाद एक पढने के लिए विदेश गए | वहां का जीवन ऐसा रास आया कि वहीँ की नागरिक लड़की से शादी करके वह वहीँ के होकर रह गए […]

कविता

आने वाला कल

मेरे मित्र तुम्हें खून कहाँ से दूं ? मेरी रगों में गंदे नालों का साफ़ किया हुआ पानी बहता है ! मेरे शहर का वाटरवर्क्स मरी हुई मछलियों का बढ़ता हुआ ढेर अपनी बदबूदार छाती पर सहता है ! सोचता हूँ आने वाले किसी कल में इसी ढेर के साथ मैं भी अपने पंजे फैलाऊंगा […]