पर्यावरण

जल ही जीवन है, जल का संचय करें

यह निर्विवाद सत्य है कि सभी जीवित प्राणियों की उत्पत्ति जल में हुई है. वैज्ञानिक अब पृथ्वी के अतिरिक्त अन्य ग्रहों पर पहले पानी की खोज को प्राथमिकता देते हैं. पानी के बिना जीवन जीवित ही नहीं रहेगा. इसी कारणवश अधिकांश संस्कृतियां नदी के पानी के किनारे विकसित हुई हैं … इस प्रकार जल ही जीवन है का अर्थ सार्थक है।
दुनिया में, 99% पानी महासागरों, नदियों, झीलों, झरनों आदि के अनुरूप है. केवल 1% या इससे भी कम पानी पीने के लिए उपयुक्त है. हालाँकि, पानी की बचत आज की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है. केवल पानी की कमी पानी के अनावश्यक उपयोग के कारण है।
आप सोच सकते हैं कि एक मनुष्य अपने जीवन काल में कितने पानी का उपयोग करता है, किन्तु क्या वह इतने पानी को बचाने का प्रयास करता है? असाधारण आवश्यकता को पूरा करने के लिए, जलाशय गहरा गया है. इसके परिणामस्वरूप, पानी में लवण की मात्रा में वृद्धि हुई है।
वैश्विक जल संरक्षण के वास्तविक क्रियाकलापों को प्रोत्साहन देने के लिये विश्व जल दिवस को सदस्य राष्ट्र सहित संयुक्त राष्ट्र द्वारा 22 मार्च को मनाया जाता हैं. जिसमें लोगों को जल से सम्बन्धित विषयों के बारे में सुनने व समझाने के लिये प्रोत्साहित करने के साथ ही विश्व जल दिवस के लिये अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों का समायोजन भी शामिल है.
आज मनुष्य जल को लेकर बहुत अधिक लापरवाह है. मनुष्य को अपने से अलग किसी और की कोई चिन्ता नहीं होती. हमने अपने संसाधनों का बहुत दुरूपयोग किया है और इससे केवल हमारी ही हानि नहीं हुई है बल्कि जितने भी जीव जन्तु इस पृथ्वी पर निवास कर रहे हैं सभी के अस्तित्व को हमने अपने लोभ के लिए विलुप्तिकरण की ओर पहुँचा दिया है. जैसे कि जंगलों के वृक्षों को काटना, वायु को दूषित करना और पानी को प्रदूषित करना. हमने अपने घर को स्वच्छ रखने के लिए अपने घर का कचरा नदियों और नहरों में डाल दिया है और इस प्रकार हमने जल को ज़हर बना दिया है. जो हमारे पेट के अन्दर जाकर कईं बीमारियों का कारण बनता है.
आज के इस शुभ दिन पर हम सब यह प्रण ले कि हमें किसी भी तरह से पानी को प्रदूषित होने से बचाना है एवं जितनी आवश्यकता हो उतना ही उपयोग करना है और साथ ही अपने पर्यावरण का ध्यान भी रखना है। साथ ही नदियों को प्रदूषित होने से बचाना ही होगा।

— कालिका प्रसाद सेमवाल

कालिका प्रसाद सेमवाल

प्रवक्ता जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, रतूडा़, रुद्रप्रयाग ( उत्तराखण्ड) पिन 246171