कविता

आज संकल्प हम करते हैं

चलो हमारे प्रेम भवन का
शिलान्यास हम करते हैं
हो निर्माण शीघ्र ही इसका
पहल आज से करते हैं..।।

सहभागिता तुम्हारी हो तो
प्रेम भवन अपना बन जाए
बस जाओ तुम मन मंदिर में
प्रेमार्पण हम करते हैं..।।

मुख्य द्वार को पद चिन्हों से
आज विभूषित तुम कर दो
गृहणी बन जाओ इस घर की
इसे सुसज्जित करते हैं..।।

साथ समर्पण से आओ हम
नवजीवन प्रारंभ करें
जीवन सफ़र सफल हो जाए
यही कामना करते हैं..।।

हो विपरीत परिस्थिति चाहे
पथ से हम विचलित ना होंगे
सुख-दुःख को मिलकर बाटेंगे
आज संकल्प हम करते हैं..।।
आज संकल्प हम करते हैं..।।

~ विजय कनौजिया

विजय कनौजिया

ग्राम व पत्रालय-काही जनपद-अम्बेडकर नगर (उ0 प्र0) मो0-9818884701 Email- [email protected]