अन्य बाल साहित्य

बेटी

आज भी हमारे देश में लड़कियों के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है पहले समय में लड़कियों की शिक्षा को कभी भी आवश्यक नहीं माना गया था लड़कियों को अभी विश्व आद्रता रूप से आजादी नहीं मिली है लड़कों के बराबर अधिकार नहीं मिला है लड़कियों के साथ आज भी घरेलू हिंसा व्यवहार किया जा रहा है लेकिन जो मेरा समय था उसमें मेरे माता पिता ने मुझे कभी भी नहीं रोका उन्होंने यह नहीं सोचा कि लोग क्या कहेंगे कि पड़ोस वाले क्या कहेंगे मेरे माता पिता ने मुझे कभी बाहर जाने से नहीं रोका मेरे माता पिता ने मुझसे कभी नहीं कहा कि तुम पढ़ो कि नहीं या तुम बाहर नहीं जाओगी मेरे माता पिता ने कभी मेरी भावनाओं को दबने नहीं दिया उन्होंने समाज की न सुनकर दिल की मेरी भावनाओं को समझा आगे बढ़ने की प्रेरणा दी जिस कारण मैं आज अपने तरीके से अपनी जिंदगी जीना सीख गई हूं
नाम रंजू
दसवीं कक्षा की छात्रा

*डॉ. राजीव डोगरा

भाषा अध्यापक गवर्नमेंट हाई स्कूल, ठाकुरद्वारा कांगड़ा हिमाचल प्रदेश Email- [email protected] M- 9876777233