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प्रकृति के आंगन में पुस्तक को मिला संतों का स्नेह एवं सान्निध्य

अतर्रा (बांदा)। जनपद निवासी शिक्षक एवं साहित्यकार प्रमोद दीक्षित मलय के संपादन में शैक्षिक संवाद मंच की प्रकाशन योजना अंतर्गत प्रकाशित बेसिक शिक्षा में कार्यरत शिक्षक-शिक्षिकाओं की प्रकृति के विविध रूप एवं पक्षों पर केंद्रित रचनाओं पर आधारित साझा संग्रह ‘प्रकृति के आंगन में’ बीते दिनों चित्रकूट धाम के प्रवास में संपादक प्रमोद दीक्षित मलय ने प्रमुख संतों श्री कामदगिरि प्रमुख द्वार महंत श्री मदन गोपाल दास जी महाराज एवं अखंड परमधाम आश्रम, सिरसावन के महंत श्री जगत प्रकाश त्यागी जी महराज को कृति भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया। संत द्वय ने पुस्तक संपादन के लिए प्रमोद दीक्षित मलय की सराहना करते हुए सामयिक संदर्भ में पुस्तक को महत्वपूर्ण मार्गदर्शक ग्रंथ बताया।
        उक्त जानकारी देते हुए प्रकृति के आंगन में पुस्तक के संपादक प्रमोद दीक्षित मलय ने बताया कि पिछले दिनों भगवान राम की कर्मस्थली, संत ऋषियों की तपस्या से सतत जाग्रत और मानव की इच्छाओं को पूर्ण करने वाले श्री कामदगिरि भगवान के दर्शन एवं परिक्रमा प्रवास के दौरान संतों को साझा संग्रह भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया था। सर्वप्रथम संतश्री मदन गोपाल दास जी महाराज (श्रीकामदगिरि प्रमुख द्वार) को उनकी तपस्थली कुटीर में पुस्तक भेंट किया। महराज जी ने आशीष देते हुए कहा कि आज प्रकृति को बचाने की महती आवश्यकता है। यह पुस्तक आम जनमानस में जागरूकता का संचार करेगी। उल्लेखनीय है कि महराजश्री वृक्षारोपण के लिए अभियान के रूप में सतत प्रयत्नशील है। तत्पश्चात युगपुरुष संतश्री स्वामी परमानंद जी महाराज, हरिद्वार के शिष्य अखंड परमधाम, सिरसावन आश्रम के महंत संतश्री स्वामी जगत प्रकाश त्यागी जी महराज को आश्रम जाकर पुस्तक भेंट किया। इस पर स्वामी जी ने स्नेहाशीष देते हुए कहा कि प्रकृति मां के संरक्षण के लिए यह एक भगीरथ प्रयास है जो लोक कल्याण के लिए सामाजिक चेतना का प्रसार करेगा। कामतानाथ तीर्थ क्षेत्र के दो प्रमुख संतों के आशीर्वाद से गद्गद शिक्षक साहित्यकार प्रमोद दीक्षित मलय ने हर्ष प्रकट करते हुए इस साहित्यिक अनुष्ठान को अविराम जारी रखने का संकल्प दुहराया और कृति की सफलता का सम्पूर्ण श्रेय शामिल रचनाकारों को दिया।

*प्रमोद दीक्षित 'मलय'

सम्प्रति:- ब्लाॅक संसाधन केन्द्र नरैनी, बांदा में सह-समन्वयक (हिन्दी) पद पर कार्यरत। प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक बदलावों, आनन्ददायी शिक्षण एवं नवाचारी मुद्दों पर सतत् लेखन एवं प्रयोग । संस्थापक - ‘शैक्षिक संवाद मंच’ (शिक्षकों का राज्य स्तरीय रचनात्मक स्वैच्छिक मैत्री समूह)। सम्पर्क:- 79/18, शास्त्री नगर, अतर्रा - 210201, जिला - बांदा, उ. प्र.। मोबा. - 9452085234 ईमेल - [email protected]