कविता

मैं और तुम का … कुछ नया सा इश्क़ …..!!

सुनो
मैंने पढ़ा है
अमृता प्रीतम के इश्क़ को
लेकिन
मुझे इश्क़ बन
इश्क़ से इश्क़ करना
कि जैसे हो तुम
जैसे ही हम
मिल जाए
हमेशा के लिए
मैं और तुम…..

ये समझा
उन्हें पढ़कर कि
समुन्दर से आसमां
कभी नहीं मिलता
फिर भी बादलो में
सिम्त जाता है इश्क़
कि बरसेंगे कभी तो
ये तुम पर भी
इश्क़ , इश्क़ ये ही इश्क़
वो कहती है ना …..
कि मैं मिलूंगी तुमसे
लेकिन पता नहीं कब ………………

लेकिन फिर भी
मैं कहती हूँ
रिमझिम बारिश सा
ये मेरा इश्क़ ..
हल्की -हल्की
बौछारे तुम पर
सादगी में भीग रहा
वो मेरा सादा इश्क़
रूह से निखरा
तुम में बहका
हर मोड़ पर मिलेगा तुमसे
मैं और तुम का इश्क़
अंदाज़ वही पुराना
लेकिन मैं और तुम का …
कुछ नया सा इश्क़ …..!!

#मेरी रुह@
#नंदिता @

तनूजा नंदिता

नाम...... तनूजा नंदिता लखनऊ ...उत्तर प्रदेश शिक्षा....एम॰ ए० एंव डिप्लोमा होल्डर्स इन आफिस मैनेजमेंट कार्यरत... अकाउंटेंट​ इन प्राइवेट फर्म वर्ष 2002से लेखन में रुचि. ली... कुछ वर्षों तक लेखन से दूर नहीं... फिर फ़ेसबुक पर वर्ष 2013 से नंदिता के नाम से लेखन कार्य कर रही हूँ । मेरे प्रकाशित साझा संग्रह.... अहसास एक पल (सांझा काव्य संग्रह) शब्दों के रंग (सांझा काव्य संग्रह) अनकहे जज्बात (सांझा काव्य संग्रह ) सत्यम प्रभात (सांझा काव्य संग्रह ) शब्दों के कलम (सांझा काव्य संग्रह ) मधुबन (काव्यसंग्रह) तितिक्षा (कहानी संग्रह) काव्यगंगा-1 (काव्यसंग्रह) लोकजंग, शिखर विजय व राजस्थान की जान नामक पत्रिका में समय समय पर रचनाएँ प्रकाशित होती रहती है । मेरा आने वाला स्वयं का एकल काव्य संग्रह... मेरी रुह-अहसास का पंछी प्रकाशन प्रक्रिया में है नई काव्य संग्रह- काव्यगंगा भी प्रकिया में है कहानी संग्रह भी प्रक्रिया में है संपर्क e-mail [email protected] Facebook [email protected]