कविता – जीवन
जीवन में कभी कठिनाई आये अपने को कमजोर न समझना
कैसे हम इसको पार करेंगे यह सोचना
कोई पथ तो होगा जो हमें सही मार्ग दिखलायेगा
चट्टानों से टकराकर ही नयी राह बनायेगा
जिंदगी तो अनसुलझी पहेली कभी दुख कभी सुख है
जीवन से दुख भी निकल जाते जब निडर होते है
जीवन में दुख तो आता जाता यही जीवन की परिभाषा है
जीवन के रंग भी मौसम की तरह बदलते है
जीवन की डगर पर तुझे कहीं फूल तो कहीं काटें मिलेंगे
कभी पैरों में काटें भी चुभेंगे कभी हिम्मत नहीं हारेंगे
कभी लोग हमसे घृणा,जलन क्रोध भी करेंगे
कुछ हसेंगे कुछ दिल को भी दुखाएँगे
कोई अनजान कोई ज्ञात कभी डराने वाले भी मिलेंगे
कहीं अपने ही लोग हमारा संबल मिलेगा
लो संकल्प कभी हम निराश नहीं होंगे
भय के आगे जीत है यही मन में संकल्प करोगे
— पूनम गुप्ता