जल बचाओ
जल बचाओ, ये है समय की पुकार ।
जल बरबादी, धरती पर अत्याचार ।।
जल से जीवन चलता है ।
जल से पंकज दल खिलता है ।।
जल से नदियां धारा बनती हैं ।
जल से कोमल कलियां खिलती हैं ।।
जल बचाओ, कुदरत को राहत पहुंचाओ ।
जल स्वच्छ रखो और पर्यावरण बचाओ ।।
जल से हवा बसंती चलती है ।
जल से खेतों में हरियाली आती है ।।
जल से ऋतुओं की चाल बदलती है ।
जल से कोयल गीत मधुर गाती है ।।
जल बचाओ, ये है समय की पुकार ।
जल बिन धरती पर मच जायेगा हाहाकार ।।
— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा