कविता

जल बचाओ

जल बचाओ, ये है समय की पुकार ।
जल बरबादी, धरती पर अत्याचार ।।
जल से जीवन चलता है ।
जल से पंकज दल खिलता है ।।
जल से नदियां धारा बनती हैं ।
जल से कोमल कलियां खिलती हैं ।।
जल बचाओ, कुदरत को राहत पहुंचाओ ।
जल स्वच्छ रखो और पर्यावरण बचाओ ।।
जल से हवा बसंती चलती है ।
जल से खेतों में हरियाली आती है ।।
जल से ऋतुओं की चाल बदलती है ।
जल से कोयल गीत मधुर गाती है ।।
जल बचाओ, ये है समय की पुकार ।
जल बिन धरती पर मच जायेगा हाहाकार ।।
— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111