अद्भूत है ये जहान
कितना अद्मूत है ये जहान
चोर लुटेरा बन गया महान
जिसका कहीं नहीं था मान
गली गली में पा रहा सम्मान
फुटपाथ पर जिनका था डेरा
पुलिस की नजर था बेचारा
बन बैठा बगुला भगत इन्सान
गली गली में पा रहा सम्मान
कल तक गीदड़ था कहलाता
शेर बन कर आज पेश आता
मिल गया सिंहासन फरमान
गली गली में पा रहा सम्मान
कैसा चमत्कार किया भगवान
सज्जन लोग हुए आज गुमनाम
जिसका जगत में नहीं था नाम
ग़ली गली में पा रहा सम्मान
कल तक चोर बाजार था बसेरा
आज मिल गया गजब का डेरा
नभ पे कैसा आया है ये नजारा
इन्सान बन बैठा है केसहारा
— उदय किशोर साह