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महिला काव्य मंच (रजि.) की काव्य गोष्ठी (आगरा)

महिला काव्य मंच, आगरा इकाई द्वारा  मासिक काव्य गोष्ठी आगरा इकाई की अध्यक्ष के घर पर आयोजित की गई। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन अध्यक्ष सविता मिश्रा ‘अक्षजा’ ने ही  किया।  उन्होंने सबका स्वागत करते हुए सरस्वती वंदना के लिए सुश्री रेखा कक्कड़ को आमंत्रित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अध्यक्षीय दारोमदार हमारी वरिष्ठ सदस्या श्रीमती रमा वर्मा ने निभाया। और मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश महासचिव निवेदिता दिनकर रहीं।
काव्य गोष्ठी का कार्यक्रम बहुत ही उत्साहवर्धक और उल्लासपूर्ण रहा।  गोष्ठी में कविताओं के साथ गुलाबी ठण्ड की आहट भी अपरोक्ष रूप से उपस्थित रही।
 रमा वर्मा ‘श्याम’, साधना वैद, रेखा कक्कड़, निवेदिता दिनकर,  रेखा गौतम तथा सविता मिश्रा ‘अक्षजा’  उपस्थित रहीं। कुल 6 सदस्यों ने मधुर- गीत तथा कविता सुनाकर अपनी-अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुतियाँ दीं।
अंत में अक्षजा ने इस सफल मासिक गोष्ठी के लिए सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया। और अगली बार इसी तरह आमने सामने बैठकर   मौसम की अँगड़ाई के मध्य वार्ता एवं कविताओं की निर्झरिणी का आनन्द लेने की कामना के साथ गोष्ठी समाप्ति की घोषणा की।
— सविता मिश्रा ‘अक्षजा

*सविता मिश्रा

श्रीमती हीरा देवी और पिता श्री शेषमणि तिवारी की चार बेटो में अकेली बिटिया हैं हम | पिता की पुलिस की नौकरी के कारन बंजारों की तरह भटकना पड़ा | अंत में इलाहाबाद में स्थायी निवास बना | अब वर्तमान में आगरा में अपना पड़ाव हैं क्योकि पति देवेन्द्र नाथ मिश्र भी उसी विभाग से सम्बध्द हैं | हम साधारण गृहणी हैं जो मन में भाव घुमड़ते है उन्हें कलम बद्द्ध कर लेते है| क्योकि वह विचार जब तक बोले, लिखे ना दिमाग में उथलपुथल मचाते रहते हैं | बस कह लीजिये लिखना हमारा शौक है| जहाँ तक याद है कक्षा ६-७ से लिखना आरम्भ हुआ ...पर शादी के बाद पति के कहने पर सारे ढूढ कर एक डायरी में लिखे | बीच में दस साल लगभग लिखना छोड़ भी दिए थे क्योकि बच्चे और पति में ही समय खो सा गया था | पहली कविता पति जहाँ नौकरी करते थे वहीं की पत्रिका में छपी| छपने पर लगा सच में कलम चलती है तो थोड़ा और लिखने के प्रति सचेत हो गये थे| दूबारा लेखनी पकड़ने में सबसे बड़ा योगदान फेसबुक का हैं| फिर यहाँ कई पत्रिका -बेब पत्रिका अंजुम, करुणावती, युवा सुघोष, इण्डिया हेल्पलाइन, मनमीत, रचनाकार और अवधि समाचार में छपा....|