आंखों पर पट्टीयां ना बांधो हिन्दू बेटियो- लव जिहाद
जी हां , आज जब खुद से ही बतिया कर मैं विचार करने बैठी तो , विचार उपरांत ही ये नतीजा निकल कर सामने आया , पर ये क्या खुद के विचारों पर ही शक की सुई लगा कर निष्कर्ष निकाला की , इस नतीजे का हल अभी तक कोई ना पाया है , कैसे पा सकते हैं क्यों कि इस मुद्दे पर या ये कहें कि अपने अंतर्मन को खुद भावनाओं में बहने से बचाने के लिए हमारी हिंदु लड़कियों को इस मुद्दे पर विचार करना ही होगा । जानते हैं आज मेरे मन को व्याकुल करने वाला विचार क्या है ? जिसने मुझे दर्द में झौंक , सोचने पर मजबूर कर दिया है । वो विचार है जिसने अंतर्मन को झकझौर दिया *लव जिहाद* जी हां लव जिहाद के बड़ते किस्सों के अंतर्गत ना जाने कितनी हिन्दू लड़कियां अपनी जान से हाथ धो रही हैं । ये विचारणीय मुद्दा है । जब दूसरे धर्म के लोग हमारे हिन्दू समुदाय को हराने में नाकाम साबित हो रहे हैं तो अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए उन्होंने हमारी हिन्दू बेटियों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है । अब सवाल ये उठता है कि इसमें गलती किसकी है ? हिन्दू बेटियों की या कमसिन उम्र की , अंतर्मन की या साजिशों की ? जिसकी दुर्गंध हमारी बेटियों को पहले आ ही नहीं पाती है ? वर्ष २०२२ के ही यदि पन्नों को पलटा जाए तो अभी तक हमनें जितने भी लव जिहाद के किस्से सुने हैं उसमें कभी भी कहीं भी किसी राज्य की घटनाओं में ये ना सुना की कोई फलाने धर्म की बेटी , किसी हिन्दू के बेटे से प्रेम कर शादी के बंधन में बंधी हो । हर बार यही सुना खबरों में की फलाने शहर में फलानी हिन्दू बेटी लव जिहाद का शिकार हुई । आखिर क्यों दूसरे धर्म की बेटियों का शिकार नहीं होता ये सवाल बहुत ही विचारणीय है ? इसका जवाब भी मेरे मन मस्तिष्क पर दस्तक दे रहे और जवाब है हमारी हिन्दू बेटियों में संस्कारों की कमी , बंदिशों की कमी , अधिक आज़ादी वगैरह-वगैरह । मेरी भी सखियां हैं जो मुस्लिम धर्म की हैं वो बताती हैं कि बचपन से ही उन्हें उनकी शिक्षा के साथ-साथ धर्म की भी शिक्षा दी जाती है विद्यालयों और घर में भी और बाहर भी । हमारे हिन्दु धर्म की कोई शिक्षा स्कूलों में नहीं दी जाती है क्यों ? असेंबली में हनुमान चालीसा या गीता के श्लोक नहीं पढ़ाए जाते ? मेरी सखी बताती हैं कि उन्हें छोटे कपड़े पहनने की बिल्कुल अनुमति नहीं है । जब कि हमारी हिन्दू बेटियां छोटे-छोटे तंग कपड़े पहन रोड पर घूमती मिल जाएंगी । रात को बाहर निकलने की अनुमति नहीं विशेष समुदाय कि लड़कियों को और हमारे धर्म की लड़कियां रात को बारह बजे भी बाहर टहलती नजर आएंगी( नाईट वॉक) के नाम पर । अब बताइए ओर क्या-क्या कमियां गिनवाऊं ? अपने हिन्दू बच्चों को बच्चपन से ही लव जिहाद की पढ़ाई करवाना अब हर घर के सदस्यों की जिम्मेदारी है , यदि आप चाहते हैं दिल से अपने बच्चों की सुरक्षा तो सतर्क हो जाईये ताकी आपका बच्चा आपके बुढ़ापे का सहारा बने , ना कि आपके जीतेजी लव जिहाद का शिकार । सीखो हिन्दू बेटियों श्रृद्धा से जो दिल्ली में शिकार हुई आफताब की । अपने मां-बाप का विरोध करते हुए रह रही थी ना जिससे जान से ज्यादा प्यार किया उसी के साथ क्या हुआ ये तो आप सभी जानते ही हैं नतीजा पूरी दुनिया से नहीं छुपा है । उसके बाद हाल ही में एसा ही एक केस उत्तरप्रदेश से आया और दूसरा गुजरात के सूरत से मात्र एक महीने में तीन लव जिहाद के केस खबरों में देखे अब देखो बेटियों समझो आप नतीजा आपके सामने हैं आंखें खोलो सब देखते हुए भी आंखों पर पट्टी ना बांधों हिन्दू बेटियों । ना जाने अब कब कौन , किस राज्य की बेटी , किसकी बेटी अपने मां-बाप को दर्द दे मोहब्बत में दीवानी होकर लव जिहाद का शिकार होगी ये कह नहीं सकते । लव मैरिज मे कोई बुराई नहीं पर ये जान लो हमारे हिन्दू समुदाय में भी लड़के हैं जो इस तरह का गिरा हुआ कर्मकांड करने से पहले कांपेंगे । क्यों कि हमारे हिन्दू धर्म के संस्कार किसी को दर्द नहीं देने की शिक्षा देते हैं । थोड़ा विचार करियेगा लव जिहाद के शिकार हुए धर्म के आंकलन का । तो यही पाएंगे कि हिन्दू धर्म ही सौ प्रतिशत शिकार हो रहा इस लव जिहाद का , एक प्रतिशत भी दूसरे धर्म के खाते में नहीं जाता । गंभीर मुद्दा बन रहा लव जिहाद ।
— वीना आडवाणी तन्वी