राजनीति

जमीन पर मजबूत, उद्देश्य पर कमजोर

भारत जोड़ो यात्रा आज पूरे देश में सोशल मीडिया में छाई हुई है, यह आश्चर्य की बात है कि भारत जोड़ो यात्रा का उद्देश्य किसी को स्पष्ट नही। राजनीतिक महत्व की इस यात्रा से इतना तो स्पष्ट है कि कांग्रेस अपने खोए हुए आधार को वापस पाने के लिए इस यात्रा के माध्यम से प्रयत्नशील है, परन्तु आम जनता के परिप्रेक्ष्य में भारत जोड़ो यात्रा कहाँ तक प्रासंगिक है इसे समझना बहुत दुष्कर है। क्योंकि यदि हम पिछले कालखण्ड में देखेंगे तो जानेंगे कि वर्तमान भारत सरकार ने जिस साहस और दमदारी से भारत की अखंडता के लिए कार्य किया ऐसा विगत 70 वर्षों में शायद ही देखने को मिला है। भारत से जम्मू कश्मीर को अलग करने वाली धारा 370 को हटाकर वर्तमान मोदी सरकार ने भारत को और अधिक शक्तिशाली और दृढ़ राष्ट्र के रूप में प्रदर्शित किया है। धारा 377 के कारण जम्मू कश्मीर भारत की संप्रभुता से स्वतंत्रता के बाद भी लग रहा वहां के नीति नियम व कानून पराया जी की विधान परिषद के अंतर्गत ही रहे कई तरह के अपराधों को जम्मू कश्मीर में सामान्य माना जाता रहा जैसे कि भारत के राष्ट्रध्वज तिरंगे के अपमान पर जम्मू कश्मीर में किसी दंड का कोई प्रावधान नहीं था इसी प्रकार सामान्य प्रशासन की कई योजनाओं की जांच एवं निर्धारण की शक्ति केंद्र सरकार के पास नहीं थी सुविधाओं के नाम पर बहुत बड़ा कोष केंद्र से लेने के बाद भी जम्मू कश्मीर की स्थिति 70 वर्षों में जैसी की तैसी बनी रहे धारा 370 समाप्त होने के बाद जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बना तब जाकर एक निष्पक्ष प्रशासन राज्य को मिला है तब धारा 370 का समर्थन करने वाली पूर्व काल की कांग्रेस सरकारों को भारत जोड़ने वाला कैसे कह सकते हैं।
भारत के करोड़ों जान मानस की आस्था का केंद्र राम जन्मभूमि के विषय को कई दशकों तक न्यायालय में अटका ए रखने इस षड्यंत्र से जब न्याय की एक आशा सन 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जागी तब भी निर्णय रोकने के लिए तथा इसके विरोध में कांग्रेस पार्टी व इसके संबंधित अधिवक्ताओं ने पुरजोर प्रयत्न किए ताकि निर्णय टल जाए, परन्तु भगवत इच्छा से करोड़ों रामभक्तों का स्वप्न साकार हुआ और निर्णय रामजन्मभूमि न्यास व रामभक्तों के पक्ष में आया जो कि न्याय संगत भी आना ही था। तब यह कैसे मानें की कांग्रेस भारतीयों को जोड़ने के लिए कार्य कर रही है ?
कश्मीर के राष्ट्रविरोधी तत्व आज नजर बन्द है या प्रतिबंधित है, हजारों फर्जी बैंक खातों व संस्थाओं को बंद किया गया जिनके माध्यम से केंद्र द्वारा दिया गया सहयोग आतंकी गतिविधियों में लग रहा था। अब यह सब प्रतिबंधित है। जातिवादी व विभाजन कारी मानसिकता फैलाने वाले हजारों फेसबुक व सोशल अकाउंट को केंद्र सरकार द्वारा बन्द किया गया, यूट्यूब चैनल जो हिंसा व अराजकता को बढ़ावा दे रहे है उन्हें बन्द किया गया। ऐसी राष्ट्रवादी कदमों से भारत की एकजुटता व संप्रभुता ही शक्तिशाली हुई। यह नरेंद्र मोदी सरकार के साहसी निर्णयों के कारण संभव हुआ।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर होया महाकाल लोक भारत की आस्था भारतीय संस्कृति को संबल प्रदान करने वाली योजनाओं का शिलान्यास करके नरेंद्र मोदी ने भारतीय संस्कृति को एक नया आयाम दिया है। वास्तव यदि भारत जोड़ने का कार्य यदि किसी ने किया है तो हमारे महापुरुषों ने किया है, श्री राम ने किया है, श्री कृष्ण ने किया है, उसके बाद जगतगुरु शंकराचार्य जी ने 4 मठों व 4 धाम की स्थापना करके भारतीय संस्कृति को जोड़ने का कार्य किया ताकि पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक पूरा भारत एक दूसरे से समरस बना रहे। कांग्रेस के नाम पर भारत जोड़ने का तो नही, परन्तु भारत के विभाजन का कालिख अवश्य लगा है, जो विभाजन मजहब के आधार पर 1947 में किया गया, पूर्ण स्वराज का स्वप्न दिखाकर भारतीय जनता का पूर्ण समर्थन प्राप्त करके कुछ कट्टर मुस्लिम विद्रोहियों के आक्रमणकारी कार्यवाही से डरकर भारत का विभाजन कांग्रेस के नेतृत्व में ही हुआ। आज उसी विभाजन के कारण हम पाकिस्तान और बांग्लादेश से आजतक परेशान है, हमारे सीमा विवाद में हजारों करोड़ हर वर्ष खर्च होते है। तब यह भारत जोड़ो यात्रा कितनी प्रासंगिक है इसका कारण समझ नही आता ?
— मंगलेश सोनी

*मंगलेश सोनी

युवा लेखक व स्वतंत्र टिप्पणीकार मनावर जिला धार, मध्यप्रदेश