बिल्ली मौसी
बिल्ली मौसी झुंड में रहती,
यों तो कहती नहीं मैं डरती,
कहो आज क्या खास हुआ है,
शायद चूहा पास हुआ है!
तुम नापास हुई तो क्या है,
कोशिश करो फिर हर्ज ही क्या है!
ऐसे डरने से क्या होगा!
खा जाओगी तुम ही धोखा.
चूहा क्या तुम्हें खा जाएगा!
आंख दिखाओगी वह भागेगा,
आत्महत्या कभी न करना,
बिना मौत पड़ जाएगा मरना.