भारी पलड़ा
बहुत ही सुंदर और सीधी लड़की अंशी की शादी हो रही थी. वह दुल्हन बन कर स्टेज पर आ रही थी.
“यार क्या गजब का माल मिला है तुझे. तू तो इसको झेल नहीं पायेगा, बोल तो सुहागरात पर हम भी आ जाएं!”
“ये तो कुछ भी नहीं है इसकी बहन को देखकर तो मुंह में पानी आ जायेगा.” बेशर्मी वाली हसीं हंस कर दूल्हा बोला.
वरमाला पड़ चुकी थी और दूल्हे के दोस्त शराब के नशे में फूहड़ डांस कर रहे थे. तभी दूल्हे के किसी दोस्त ने एक लड़की को छेड़ दिया और वहां चीख पुकार मच गई.
बात इतनी बढ़ गई कि मारपीट की नौबत आ गई और दूल्हे के मित्रों ने अंशी के अभिभावकों से अभद्रता कर दी.
दूल्हा और उसका परिवार चुप्पी साधे हुए थे, जिसके कारण बात आगे बढ़कर दूल्हे के ऊपर आ गई और दूल्हे और उसके दोस्तों की अच्छी तरह से खातिरदारी की गई.
पुलिस को बुलाकर सबको जेल में डलवाया गया.
हैवानियत का भारी पलड़ा झुकने को विवश हो गया था.