नववर्ष यहां मंगलमय हो
नव वर्ष की नई किरन से, नया उजाला कायम हो
मिटे मुफलिसी जग से,मधुरिम निवाला कायम हो
नई सफलता अर्जित हो, अर्ष पे सबका ‘‘राज’’ रहे
सबके जीवन में सदा यहां, सात सुरों का साज रहे
चेहरे पे सुनहरी धूप खिले, माथे पे खुशी का ताज रहे
खुशियों से दामन भरा रहे, कोई न मोहताज रहे
नई सुबह की नई किरन से, नई नई उमंग मिले
मायूस रहे न कोई यहां, सबको नई तरंग मिले
सुबह की पहली किरन से, फूल सरीखे खिल जायें
यहां जो अब तक विछड़े थे, नई सुबह में मिल जायें
करूण क्रन्दन मिट जाये, सुरम्य और सब सुरमय हो
बस यही कामना अर्हनिश, नववर्ष यहां मंगलमय हो
राजकुमार तिवारी “राज”
बाराबंकी उत्तर प्रदेश