गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

झील में खिले कंवल सी लगे
वो लड़की ताजमहल सी लगे
जिस पल में मोहब्बत हो जाए
वो मुझ को उसी पल सी लगे
उसके गेसू की ख़ुशबू भी
महकते हुए सन्दल सी लगे
यादों में हम खो जाते हैं
याद उसकी जलथल सी लगे
लबों पे उसको सजाया यूँ
“गीत” वो मेरी ग़ज़ल सी लगे
— प्रियंका अग्निहोत्री “गीत”

प्रियंका अग्निहोत्री 'गीत'

पुत्री श्रीमती पुष्पा अवस्थी