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गिरेन्द्रसिंह भदौरिया “प्राण” का सम्मान

प.ज्योति कानपुरी जी की स्मृति में क्रान्तिकारी विचार मंच द्वारा स्थापित “ज्योति कलश” सम्मान से देश के वरिष्ठ कवि गिरेन्द्रसिंह भदौरिया “प्राण” को सम्मानित किया गया। श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति इन्दौर के ऐतिहासिक शिवाजी सभागार में राष्ट्रीय कवि सत्यनारायण सत्तन ने ज्योति कानपुरी जी के संस्मरण सुनाते हुए कहा कि उनके व्यक्तित्व की भाँति उनका कृतित्व भी सम्माननीय रहा है। रचनाकार कभी मरता नहीं है, वह ज्योतिपुंज की तरह दैदीप्यमान होकर समूचे साहित्य जगत को अपने प्रकाश से आलोकित करता रहता है।अतः उनकी स्मृति में सम्मान दिया जाना एक सार्थक पहल है। वीणा के यशस्वी सम्पादक राकेश शर्मा ने कहा हर सम्मान ऐसे व्यक्तित्व को दिया जाना चाहिए जिसके पास पहुँच कर सम्मान भी गौरवान्वित हो उठे। कवि श्री गिरेन्द्रसिंह भदौरिया “प्राण” आज के ऐसे ही सम्मान मूर्ति हैं। यह उनकी सर्जना के पौरुष का सम्मान है। ज्योति कानपुरी और कवि गिरेन्द्रसिंह भदौरिया के काव्य में समानता है दोनों का काव्यकर्म सामाजिक समरसता, देश प्रेम और सांस्कृतिक गरिमा की रक्षा की भाव भूमि पर केन्द्रित है। इसलिये ज्योति कानपुरी की स्मृति में ये सम्मान भदौरियाजी को दिया गया।आज सम्मान को पाकर केवल सर्जक ही नहीं बल्कि सुपात्र को पाकर सम्मान भी गौरवान्वित है। सम्मान और पुरस्कार प्रसाद की तरह नहीं बाँटे जाने चाहिए। इसकी पात्रता की जाँच सर्जक के समर्पण, क्षमता और उसके लेखन को देखकर की जानी चाहिए। भदौरियाजी की सर्जना हर कोण से इस स्मृति सम्मान के योग्य है।कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. शशि निगम ने शारदे वन्दना से की। अतिथि स्वागत राजेन्द्र शर्मा, श्रीकांत वडनेरे ने किया। रामचन्द्र अवस्थी ने मानपत्र का वाचन किया। आयोजन का सफल संचालन कर रहे मुकेश इन्दौरी ने ज्योति कानपुरी के कृतित्व और व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।डॉ.सुरेखा भारती ने ज्योति कानपुरी जी के गीतों का काव्यपाठ करते हुए कहा कि कानपुरी जी वीर रस के ही कवि नहीं थे अपितु उन्होंने श्रृंगार आदि रसों में भी रचनाएँ की हैं। आभार प्रकाश व्यास ने माना।इस अवसर पर श्रोताओं के मध्य नगर व नगर के बाहर से आए सूर्यकांत नागर, अशोक नागर, दिनेश भारती, त्रिपुरारीलाल शर्मा, हरेराम वाजपेयी, डॉ. योगेन्द्रनाथ शुक्ल, दिनेश पाठक, मुकेश तिवारी, शशि प्रभा सत्तन, सरोज भदौरिया, आशा जाकड़, रागिनी शर्मा, शोभारानी तिवारी, स्वाती तिवारी, डॉ. स्वाति सिंह, मीना गोदरे,  प्रदीप नवीन, चकोर चतुर्वेदी, रशीद अहमद शेख, संतोष मोहंती, एस.सी.सैनी, राजेन्द्र पांडे तपन, राज सांथेलिया, संतोष त्रिपाठी सुजान सहित आदि कई गणमान्य साहित्यकार भी उपस्थित थे।

गिरेन्द्र सिंह भदौरिया "प्राण"

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