हे माँ
वर्ष 1975 में आई हिंदी फीचर फिल्म दीवार का वह डायलॉग मेरे पास माँ है, आज हर मानवीय जीव को सुनने की बात को रेखांकित करना ज़रूरी है।हालांकिवैश्विक स्तरपर भारत में रिश्ते नातों ख़ासकर माता-पिता का जितना सम्मान किया जाता है, उतना शायद ही अन्य किसी देश में किया जाता हो यह सर्वविदित है। क्योंकि भारत में ही राम श्रवण भगत प्रल्हाद सहित अनेक अवतार अवतरित हुए हैं उनके माता-पिता के आज्ञाकारी सेवक होनें के इतिहास भारत में भरे पड़े हैं। परंतु वर्तमान पाश्चात्य देशों की संस्कृति का रंग अनेक युवाओं में दिख रहा है, जिनकी नजरों में माता-पिता काह्रदयभाव अपेक्षाकृत कम होता जा रहा है। चूंकि आज दिनांक 28 दिसंबर 2022 को हमने सबसे बड़ा उदाहरण माँ के प्रति समर्पण भाव का देखा जब वैश्विक नेताओं के अप्रूवल रेटिंग में सबसे अधिक लोकप्रिय भारतीय नेता की मां की तबीयत बिगड़ी अस्पताल में भर्ती की बात सुनकर तुरंत दिल्ली से अहमदाबाद दौड़ पड़े, यह होता है मां का खिंचाव और मां की ममता का कमाल। इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे हे माँ, भाग्यशाली होते हैं वह जिनके पास मां है, माँ के चरणों में स्वर्ग बसता है।
हम सरल भाषा में युवाओं को मां के महत्व समझाने को देखें तो हम देखते हैं कि फिल्मों में युवाओं की अधिक रूचि होती है। मां के रोल की शुरुआत, आवारा (1951) में मां, गंगा जमना (1961) में मां का किरदार निभाया। वहीं, गाइड (1965) में मां की भूमिका निभाई।अगर फिल्म जगत की मां का जिक्र हो और 1975 में रिलीज हुई दीवार का नाम न आए, ऐसा होना नामुमकिन है। दरअसल, इस फिल्म में दुखियारी मां के रूप में दिखाया गया।फिल्म के एक सीन जब कलाकार छोटे भाई को बंगले और पैसे का रौब दिखाते हैं, तब वह कहते हैं, मेरे पास माँ है। जिस तरह यह फिल्म सुपरहिट रही, उसी तरह उसका यह डायलॉग भी अमर हो गया। इसी फिल्म का एक औरडायलॉग काफी मशहूर हुआ, जिसमें माँ भी कहती हैं, तू अभी इतना अमीर नहीं हुआ बेटा कि अपनी माँ को खरीद सके। कई लोग अपने माता-पिता को वृद्ध आश्रम में छोड़ देते है, और ख़ुद अपने पापो का कल्याण करने के लिए ईश्वर अल्लाह से दुआ मांगने के लिए मंदिर-मस्ज़िद भटकते है। पर यही सबसे बड़े मुर्ख होते है, वे ये नहीं जानते है कि ईश्वर अल्लाह को जन्म भी एक माँ ने ही दिया था।इसलिए ईश्वर अल्लाह का वास माँ के चरणों में होता है।
हम मां की बात करें तो, माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। यहीं कारण है प्रायः संसार में ज्यादेतर जीवनदायनी और सम्माननीय चीजों को माँ की संज्ञा दी गयी है जैसे कि भारत माँ, धरती माँ, पृथ्वी माँ, प्रकृति माँ, गौ माँ आदि। इसके साथ ही माँ को प्रेम और त्याग की प्रतिमूर्ति भी माना गया है। इतिहास कई सारी ऐसे घटनाओं के वर्णन से भरा पड़ा हुआ है। जिसमें मताओं ने अपने संतानों के लिए विभिन्न प्रकार के दुख सहते हुए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। यही कारण है कि माँ के इस रिश्तें को आज भी संसार भर में सबसे सम्मानित तथा महत्वपूर्ण रिश्तों में से एक माना जाता है। एक माँ अपने बच्चों से बहुत ही ज्यादे प्रेम करती है, वह भले ही खुद भुखी सो जाये लेकिन अपने बच्चों को खाना खिलाना नही भूलती है। हर व्यक्ति के जीवन में उसकी माँ एक शिक्षक से लेकर पालनकर्ता जैसी महत्वपूर्ण भूमिकाएंनिभाती है। इसलिए हमें अपनी माँ का सदैव सम्मान करना चाहिए क्योंकि ईश्वर अल्लाह हमसे भले ही नाराज हो जाये लेकिन एक माँ अपने बच्चों से कभी नाराज नही हो सकती है। यही कारण है कि हमारे जीवन में माँ के इस रिश्ते को अन्य सभी रिश्तों से इतना ज्यादे महत्वपूर्ण माना गया है।माँ एक ऐसा शब्द है, जिसके महत्व के विषय में जितनी भी बात की जाये कम ही है। हम माँ के बिना अपने जीवन की कल्पना भी नही कर सकते हैं। माँ के महानता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इंसान ईश्वर अल्लाह का नाम लेना भले ही भूल जाये लेकिन माँ का नाम लेना नही भूलता है। माँ को प्रेम व करुणा का प्रतीक माना गया है। एक माँ दुनियां भर के कष्ट सहकर भी अपने संतान को अच्छी से अच्छी सुख-सुविधाएं देना चाहती है।
हम मां हीरा बा की बात करें तो मंगलवार दिनांक 27 दिसंबर 2022 की रात में, मां हीरा बा की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें देर रात अहमदाबाद के यूएन मेहता अस्पताल में भर्ती कराया गया। हॉस्पिटल के डॉक्टरों की एक टीम लगातार उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रही है।गौरतलब है कि हीराबा के स्वास्थ्य में सुधार हो रही है। मीडिया के मुताबिक, इस बीच पीएम अपनी मां हीराबेन से मिलने के लिए दिल्ली से अहमदाबाद एयरपोर्ट पहुंचे और फिर एयरपोर्ट से सीधे अस्पताल पहुंच गए हैं। उन्होंने अस्पताल में अपनी बीमार मां हीराबेन से मुलाकात की है। और डॉक्टरों के से मां के स्वास्थ्य की जानकारी ली। मां के साथ करीब डेढ़ घंटे रहने के बाद पीएम अस्पताल से निकल गए।उल्लेखनीय है कि उन्हें सांस लेनेमें तकलीफ़ और कफ की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पीएम के अलावा उनके परिवार के सभी लोग अस्पताल में मौजूद थे। देशभर में पीएम मोदी की मां के जल्दी स्वस्थ होने की कामना की जा रही है। वहीं वाराणसी में लोगों ने हवन यज्ञ किया और मंत्रोच्चारण के साथ हीरा बा की लंबी उम्र और स्वस्थ होने की कामना की। उनकी अचानक से तबीयत बिगड़ गई है। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी हालात अभी स्थित है। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी तबीयत में लगातार सुधार हो रहा है। मीडिया के हवालों से खबर आ रही है कि हीराबा अगले एक-दो दिन में अस्पताल से डिस्चार्ज हो सकती हैं। इससे पहले साल 2016 में भी हीराबा की तबीयत बिगड़ी थी और उन्हें इलाज के लिए गांधीनगर के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस वक्त उन्हें किसी तरह का वीआईपी ट्रीटमेंट देने के बजाय अस्पताल के जनरल वार्ड में सामान्य मरीज़ की तरह भर्ती कर इलाज किया गया था। उल्लेखनीय है कि कोरोना काल में वैक्सीन लेकर लोगों के बीच उदाहरण पेश किया था। हीराबेन ने कोरोना काल में उस समय वैक्सीन लिया जब लोग इसे लेने से डर रहे थे। हीराबेन के इस कदम को देखकर समाज में कई लोग वैक्सीन लेने के लिए आगे आए। इतना ही नहीं वह चुनाव में भी मतदान केंद्र पर जाकर वोट करती हैं। हीरा बा जून में ही 100 साल शुरू हुआ हैं। उनका जन्म 18 जून 1923 को हुआ है। हीरा बा के शुरू 100 वें जन्मदिन पर पीएम गांधीनगर में उनसे मिलने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मां हीरा बा का आशीर्वाद लिया था और उनकी पूजा-अर्चना भी की थी। पीएम ने अपनी मां के पैर पखारे और गिफ्ट में शॉल दी थी। हमारे जीवन में यदि कोई सबसे ज्यादे महत्व रखता है तो वह हमारी माँ ही है क्योंकि बिना माँ के तो जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती है। यही कारण है कि माँ को पृथ्वी पर ईश्वर अल्लाह का रुप भी माना जाता है।इसलिए हमें माँ के महत्व के महत्व को समझते हुए, उसे सदैव ख़ुश रखने की कोशिश करनी चाहिए।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि हे माँ,भाग्यशाली हैं वे जिनके पास माँ है। माँ के चरणों में स्वर्ग बसता है।माँ हीरा है, जिसमें ममता स्नेह धैर्य विश्वास कितना कुछ समाया होता है। वह हमारा शरीर ही नहीं बल्कि मन व्यक्तित्व आत्मविश्वास भी गढ़ती है, सराहनीय विचार है।
— किशन सनमुख़दास भावनानी