सनम का दीदार
सर्द-सर्द रातें हों और सनम का दीदार हो,
लब रहें खामोश भले बस नैनों से इजहार हो,
जनवरी की लंबी रातें बौनी-सी हो जाएंगी,
प्यार के आगोश में जब प्यार का ही प्यार हो.
कौन पहुंचाए पिया तक सर्द रातों का संदेश,
चांद बैरी छिप ही गया है, नैना भये चकोर,
बादलों ने फेर लिया मुख, कोहरा आंख दिखाए,
सौतन भी कहीं बन न गई हो मेरे लिए अघोर.