गीत/नवगीत

सनम का दीदार

सर्द-सर्द ‌रातें हों और सनम का दीदार हो,
लब रहें खामोश भले बस नैनों से इजहार हो,
जनवरी की लंबी रातें बौनी-सी हो जाएंगी,
प्यार के आगोश में जब प्यार का ही प्यार हो.

कौन पहुंचाए पिया तक सर्द रातों का संदेश,
चांद बैरी छिप ही गया है, नैना भये चकोर,
बादलों ने फेर लिया मुख, कोहरा आंख दिखाए,
सौतन भी कहीं बन न गई हो मेरे लिए अघोर.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244