कविता

हिन्दी है मेरी पहचान

हिन्दी मेरे देश की शान
हिन्दी से है हमारी पहचान
सिन्ध से अपनी सभ्ययता समेटे
ऋषि मुनि के हम सब हैं    बेटे

बावन अक्षर का मेल है सब सारा
अलंकार की भाषा है बहुत प्यारा
तुलसी कबीर सूरदास हैं    महान
लिख दी ग्रंथ हिन्दी के सब नाम

कविता कहानी व भरा है   पहाड़ा
स्वर व्यंजन में लिखा है ककहरा
व्याकरण ने दी है संज्ञा सर्वनाम
संस्कृत की बेटी देश   हिन्दुस्तान

बोल चाल की अवसर जब आता
खड़ी बोली भी हम सबको भाता
दोहा छन्द  रामायण जग में महान
संस्कृत में रची गई गीता वेद महान

अ से अनपढ़ जब हम होते
ज्ञ तक पढ़ कर ज्ञानी बनते
भारतीयता है भाषा की आन
संगीत की सरगम सीख जहान

— उदय किशोर साह

उदय किशोर साह

पत्रकार, दैनिक भास्कर जयपुर बाँका मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार मो.-9546115088