कविता

कविता – बदलता भारत

बदल गया भारत .देश बदल गया
नया दौर आने से भारत बदल गया
इंसान ही इंसान का दुश्मन बन गया
जो विश्वास अपनों पर था वो मिट गया
ऐसा मंजर आया सब कुछ बदल गया
झूठ का बोलवाला सत्य का पतन हो गया
बन गए अलग अलग दल अपनी राजनीति चला रहे है
सत्ता की खातिर एक दूसरे को नीचा दिखा रहे है
देश प्रेम और सद्भावना तो कहाँ लुप्त हो रही है
गुनाहों और अपराधों को सरेआम बढ़ावा दिया जा रही है
दिन दहाड़े अपहरण,धोखाधड़ी,बेटियों की इज्जत सरे आम लूटी जा रही है
देखकर भी सभी मौन धारण किये हुए है
तिरंगा की शान की खातिर कितने वीरों ने बलिदान दिया
आज वही तिरंगा शर्म से सर को झुकाए हुए है
आजादी की खातिर हमारे वीरों ने अपने प्राण गवाएं
आज देख भारत की दुर्दशा देख कर आँखों में आँसू भर आएं
इंसान अपने में इतना व्यस्त हो गया
दूसरे को अनदेखा कर अपने में ही खो गया[…!
— पूनम गुप्ता

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश