कविता
आना जाना जीवन की रीत है
जीवन से मोह, मोहब्बत की प्रीत है
एक दिन मृत्यु से सबको मिल जाना है
जो भी आए हैं उसे एक दिन जाना है ।
रिश्तों की डोरियां चाहे जितनी भी हो मजबूत,
वक्त आने पे ये जाते ही हैं टूट ।
जबतक जीवन की ज्योति है
तबतक सपनों में ऊजाले हैं,
जिसदिन सांसे जाएगी थम
नहीं लौटा देने का है किसी में दम ।
दौलत, शोहरत जीवन में मान बढ़ाते हैं
पर नेक कर्म और धर्म ही साथी हैं
इसका बंधन ही मजबूत गठबंधन है
जो साथ में अनंत सफर में जाती हैं ।
— मृदुल शरण