रूपेश कुमार को मिला ‘कबीर कोहिनूर सम्मान’
डॉ० भीमराव अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र , जनपथ-15, नई दिल्ली के सभागार में आयोजित भव्य कार्यक्रम की अद्भुत छटा अति मनमोहक थी। माननीय डॉ० नानक देव जी के मार्गदर्शन और अध्यक्षता में, आदरणीय अभिषेक जी के संयोजन में कार्यक्रम संपन्न हुआ। अब तक लिख चुके चार काव्य- संग्रहों के युवा लेखक रुपेश कुमार का सुभाग्य था कि वे इस कार्यक्रम का हिस्सा रहे। इस कार्यक्रम में रूपेश कुमार को “कबीर कोहिनूर सम्मान – 2023″ से रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष रमेश चंद्र रतन, नोएडा फ़िल्म स्टुडियो के संस्थापक, विश्व प्रसिद्ध पत्रकार, फ़िल्म प्रोड्यूसर एवं ए.ए.एफ.टी यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष डॉ० संदीप मारवाह, डॉ० परीन सोमानी, निर्देशक लंदन कौशल विकास संघठन, यूनाइटेड किंगडम, बी.एल गौङ, अंतर्राष्ट्रीय साहित्यकार, जैन धर्म के विश्व शांति दूत डॉ. लोकेश मुनि, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संस्कृति प्रमुख आचार्य पंकज दास जी महाराज, मगहर धाम से विचारदास जी महाराज, अयोध्या धाम से सुधीर दास शास्त्री जी महाराज, बेबीस्टोन बाइबिल यूनिवर्सिटी जिम्बाब्वे के मानद कुलपति सौरभ पाण्डेय, पद्मश्री हिम्मतराम माम्बू आदि ने सम्मानित किया। मुजफ्फरपुर से सहायक प्रोफेसर निधी कुमारी, लखनऊ से एडवोकेट अनुजा मनु, लखीमपुर से असमा ख़्वाज सबा, सीवान से अजीत पंडित, देवेश मराल, गाजियाबाद से कवयित्री ममता लड़ीवाल, दिल्ली से डॉ० मनीषा गिरी, पटना से कवयित्री शैलजा सिंह, राजस्थान से डॉ. टीना राव, भोपाल से डॉ. नीलू समीर आदी लोगों ने बधाईयाँ दी। रूपेश को इससे पहले राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय, सामाजिक संस्थाओं जैसे- भारत के सभी प्रांतो से लेकर इंडोनेशिया, लंदन, श्रीलंका, अमेरिका आदि देशों से अनेकों सम्मान से सम्मानित किए जा चुके हैं एवं साथ ही इनका नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बुक लंदन एवं ब्रिटिश वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है।
इस कार्यक्रम में देश विदेश के पाँच सौ से अधिक गणमान्य लोग मौजूद रहें। इस कार्यक्रम में सदगुरु कबीर का दर्शन, निर्गुण ब्रह्म की साधना और समाज की रूढ़िवादी विचारधारा के विरूद्ध सामाजिक चेतना पर चर्चा हुई। कबीर की प्रासंगिकता आधुनिक भारत में ही नहीं वल्कि विश्व पटल पर भी है। इस संदर्भ को रेखांकित करते हुए सद्गुरु कबीर के दर्शन पर चर्चा किया गया । कबीर जहां विभिन्न धर्म की रूढ़ियों को नकारते है और कहते है कि ” पाहन पूजै हरी मिलै, तो मैं पूजूं पहाड़” । कबीर का आंदोलन आध्यात्मिक चेतना के साथ-साथ सामाजिक जागरण हेतु भी सर्वथा उपयोगी था। इस कार्यक्रम में दो पुस्तकों का विमोचन किया गया। पहली पुस्तक डॉ० अभिषेक कुमार जी द्वारा रचित पुस्तक “आधुनिक भारत के निर्माण में सदगुरु कबीर का योगदान” का किया गया। यह पुस्तक अतिविशिष्ट इस मायने में था कि इसका अनुवाद 27 क्षेत्रीय भाषाओं में भी किया गया है और प्रकाशनाधीन है। दूसरी पुस्तक भारता के यशस्वी प्रधानमंत्री जी के व्यक्तित्व को रेखांकित करती हुई ‘ब्रह्मांड का चमकता सितारा नरेंद्र मोदी’ था। इस भव्य आयोजन में विभिन्न क्षेत्र के साधकों को कबीर कोहिनूर सम्मान, कबीर सम्मान से सम्मानित किया गया। निश्चित रूप से सम्मानित किए गए विभिन्न किरदारों का अपने क्षेत्र में बेहतर करने की विशेष प्रेरणा इस सम्मान से मिली होगी। यह कार्यक्रम अति भव्य, दिव्य , अनुशासित और मोहक था। इसका संचालन सुश्री रेखा चौरसिया जी ने बहुत ही प्रभावी ढंग से किया। कार्यक्रम की आयोजन समिति के सभी सदस्यों विशेषकर अभिषेक जी को साधुवाद। गुरुवर नानक देव जी महाराज को प्रणाम कि उनकी प्रेरणा, सहभागिता से यह कार्यक्रम भव्य, दिव्य और प्रभावी रहा ।