होली में
करे गुलाल कमाल अबकी होली में,
सभी रहे खुशहाल अबकी होली में।
आत्म मुग्धता मुझको दे गई गाली
बिगड़ गए सुरताल अबकी होली में।
साली हँसी अपनी बीबी मुस्काई ,
खुशियां रहीं बहाल अबकी होली में।
यार रहे नाराज मन भी खिन्न रहा,
खुद पर उठे सवाल अबकी होली में।
कौन है गैर किसे हम अपना माने.
सब से मिटे मलाल अबकी होली में।
रंग तरंग भंवर में उलझे सब यार,
ऐसा हुआ बवाल अबकी होली में।
— महेंद्र कुमार वर्मा