लघुकथा

पगली

बाहर बहुत शोर था, मेरी आँख खुली आज छुट्टी का दिन था !रात को सोच कर सोई थी कि देर तक सोऊंगी पर शोर से नींद टूट गई ! नीचे झाँक कर देखा बहुत भीड़ एकत्रित थी !जब पड़ोस में पूछा तो पता चला कि रात को कोई पागल स्त्री को बेहोशी हालत में यहाँ  डाल गया है !
            मैं उतर कर नीचे पहुंची भीड़ को हटा कर देखा चेहरा कुछ जाना पहचाना लगा जब बहुत सोचा तो ध्यान आया कि इसका नाम रामा है ये हम पहले जहाँ  रहते थे पड़ोस में एक सज्जन मि. शर्मा रहते थे उनकी बेटी है जो मानसिक रूप से विक्षिप्त थी, पर उस समय अल्हड़ थी ! उस समय खिड़की में से ये सबको आवाज लगाती थी ! ज़ब आस पड़ोस के लोगो से पूछा तब पता चला कि रामा  के घर वाले उसे कमरे में बंद कर देते हैं ! मुझे बहुत दुःख होता था जब उसको देखती थी ! कुछ दिन बाद उसकी आवाज आनी बंद हो गई !
         एक दिन वह हमारे घर आगई मेरी बेटी 8 महीने की थी ! उसने मेरी बेटी को गोद में कस कर उठा लिया मैंने बहुत कोशिश की उसे उसकी गोद से ले लूँ पर वह बाहर भागने लगी ! मेरे मकान मालिक के बेटे ने उससे बेटी को जबरदस्ती से लिया ! वह रोती हुई चली गई !हम भी बाहर चले गए ! कुछ दिन बाद पता चला कि किसी जरुरत वाले शख्स से उसकी शादी कर दी ! माँ बाप मर चुके थे ! भाई भाभी को वह बोझ थी !
         जिससे उसकी शादी हुई उसके लिए केवल ये एक वासना पूर्ति की वस्तु थी ! आज जब देखा तो मुझे बहुत दुःख हुआ ! पुलिस आ चुकी थी ! उसे हॉस्पिटल भेजा ! मेरा मन बहुत उदास था ! रात को कॉलोनी वालों से पता लगा कि उसका बहुत लोगों द्वारा शरीरिक शोषण किया गया और आंतरिक बहुत चोटें हैं अब शायद बच भी नहीं पाएगी ! सुबह उठते ही पता लगा वह इस दुनिया से जा चुकी थी पर उस पागल को इस स्थिति में लाने वाले सब वहशी आराम से अपने घरों में मस्त थे !
— डॉ. मधु आंधीवाल 

डॉ. मधु आंधीवाल

पति - डा. सी.के. आंधीवाल जन्म तिथि- 3-1-1957 पता - 1/64 ,सुरेन्द्र नगर ,अलीगढ़ राजनीति भाजपा पार्टी 3 बार नगर निगम अलीगढ़ की पार्षद रही हूँ । सक्रिय राजनीति में हूँ । शिक्षा - एम.ए, बी.एड, एल.एल.बी, पी- एच डी साहित्यिक फेसबुक ग्रुपों में रचनाये, मोमस्प्रेसो में ब्लॉग , शीरोज एप पर रचनाये,हिन्दी प्रतिलिपि एप पर रचनाएँ ,दैनिक जागरण और स्वदेश समाचार पत्र ,प्रवासी संदेश बोम्बे, द ग्राम टुडे अन्य समाचार पत्रों में पत्र और रचनाएँ ,स्टोरी मिरर एप पर रचनाये लिखती हूँ और बहुत प्रशस्ति पत्र मिले हैं।दो काव्य संग्रहों में भी मेरी कविताओं का संग्रह प्रकाशित हुआ है। [email protected] 9837382780