लघुकथा

कहां गये वो दिन

आज बहुत दिन बाद  मंजरी मायेके जा रही थी । वह देश से ही बाहर थी । जब भारत लौटी अपने सब काम से निपट कर सोचा चलो बहुत साल बाद आई हूँ पूरे परिवार से मिलती हूँ । फोन पर सबकी बाते पता चल जाती थी फिर भी लम्बी बात नहीं होती थी । […]

लघुकथा

पगली

बाहर बहुत शोर था, मेरी आँख खुली आज छुट्टी का दिन था !रात को सोच कर सोई थी कि देर तक सोऊंगी पर शोर से नींद टूट गई ! नीचे झाँक कर देखा बहुत भीड़ एकत्रित थी !जब पड़ोस में पूछा तो पता चला कि रात को कोई पागल स्त्री को बेहोशी हालत में यहाँ  […]

लघुकथा

खुला दरवाजा

दामिनी शर्मा एक ऐसा नाम जिसे लोग बहुत सम्मान से लेते थे ।  निर्भीक, निडर और स्पष्ट बोलने वाली  सबकी प्रिय एक रुतबा था उनका । परिवार को बहुत ही प्यार से और  करीने से सींचा था । सीमित संसाधनों में अपने बच्चों के साथ साथ  परिवार के अन्य बच्चों को भी अपने पास रख […]

संस्मरण

यादें

ननिहाल की बात ही अलग होती थी साल भर इंतजार करने के बाद महीने भर की छुट्टी और उन गर्मी की छुट्टियों में साल भर का प्यार का मिल जाता था वो दौर ही अलग था लोगों के मकान छोटे और दिल बड़े हुआ करते थे । घड़ी सिर्फ़ नाना जी के हाथों में हुआ […]

लघुकथा

इन्तजार

आज दिल बहुत उदास था । कहते हैं भोर के सपने सचप्रकाशक होते हैं आज सुबह सपना आया विमल दा बहुत दूर खड़े है और कह रहे हैं सुमि चलें अब चलने का समय आगया । वह उसे सुमित्रा ना कह कर सुमि ही कहते थे । वह विमल दा को कैसे भूल जाये सगे […]

लघुकथा

संहार

आज नीति जेल की सलाखों के पीछे बैठी थी ।अभी उम्र ही कितनी है केवल 19 साल  रविवार का दिन मिलाई का दिन होता था । 1 साल से सबके मिलने वाले आते थे पर उससे मिलने वाला कोई नहीं था । केवल जेल का स्टाफ ही उसका परिवार था । आज शायद जेल में […]

कहानी

प्यार की पहली पाती

अरे नन्दिनी कहां गयी मां समीक्षा बहुत देर से आवाज दे रही थी । जब से इस लड़की का रिश्ता तय हुआ है पत ना कमरे में ही घुसी रहती है। समीक्षा बड़बड़ाये जा रही थी । दादी की लाडली नन्दिनी तो चिपकी हुई थी वीडियो कालिंग पर अपने होने वाले सपनों के राज कुमार […]

लघुकथा

हिम्मती लड़की

प्राची एक छात्रा थी वह शोध कर रही थी । उसका बिषय था ग्रामीण अंचल में बेटियों की परवरिश व शिक्षा और जल संरक्षण वह अपने कार्य के लिये गांव में पहुँची । वहां पहुँच कर देखा अभी बहुत से गांव में बहुत पिछड़ापन है व सोच भी काफी संकीर्ण है। बेटा और बेटी का […]

लघुकथा

जल कर बुझना

दीपा एक संयुक्त रुढ़ि वादी परिवार की बड़ी बहू  थी । मां बाप की लाड़ली  दादी की परी  एक सुन्दर तितली की तरह पूरे घर में उड़ती रहती थी । जितनी पढ़ने में होशियार उतनी ही शरारती । जतिन एक धनवान व्यापारी परिवार का  लाडला पता ना कैसे किसी विवाह कार्यक्रम में इस हसीन तितली […]

लघुकथा

आशा की किरण

सीमा प्रतिदिन कालिज से आते जाते एक छोटे बच्चे की पीठ पर बहुत छोटी बच्ची को गले से बंधा देखती । बच्चा पीछे बच्ची का बोझ उठाता और आगे एक टोकरी में पान और पान लगाने का सामान रख कर पान बेचता । सीमा को अपना बचपन याद  आगया । मां पापा एक हादसे में […]