लघुकथा

लघुकथा- सिंदूर

मीना ने मांग में सिंदूर भरा और अपनी बेटी को जल्दी से तैयार करने में जुट गई! मम्मी की मांग में सिंदूर देख अरूषी अनायास ही बोल पड़ी …मम्मी हम तो पापा से मिलने जा रहे हैं और वहाँ नयी मम्मी भी होगी! तो.. मीना ने उत्सुकता से पूछा??
पर, मम्मी उनकी मांग में भी तो पापा के नाम का ही सिंदूर होगा ना? मीना भी पलभर के लिए सोच में पड़ गई थी!

— कामनी गुप्ता

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |