मुक्तक/दोहा मुक्तक समीर द्विवेदी नितान्त 23/02/2023 कारोबारी सोच को अपनी दूर रखो अगर रख सको प्रेम भरा दस्तूर रखो । दुनियादारी का फेरा जीवन भर का, बैठे हो जब संग, साथ भरपूर रखो ।। — समीर द्विवेदी नितान्त