आए हैं ऋतुराज सजीले
आए हैं ऋतुराज सजीले, गीत स्वागतम् गाओ री,
मधुकर छेड़े राग रंगीले, ढोल-मंजीरे बजाओ री.
रंग धूप के तेज चटक ने, कोहरा-धुंध भगायो री,
नव पल्लव ने हाथ पसारे, बौर आम पर आयो री.
पवन बजा रही बांसुरी पीली सरसों पे यौवन आयो री,
अमराई में कूके कोयलिया, पी को संदेसो आयो री.
आएंगे परदेसी पिया कोई, मंगल साज सजाओ री,
खुल-खुल जाए बाजूबंद मोहे, कोई बंध न सुहायो री.
धानी चुनरिया ओढ़ी धरा ने, गेंदे के फुलवा लाओ री.
आसमान ने रंगी रंगोली, टेसू से रंग बनाओ री.
खेलूंगी फाग पिया के संग मोहे, रंग बसंती भायो री,
रंग-अबीर-गुलाल ले आओ, पिचकारी मंगवाओ री.
फागुन के संग ऋतुराज ने, सुंदर रूप सजायो री,
खुशहाली से झूमे किसनवा, गीत फगुनवा गायो री.
धरती झूमे, अंबर झूमे, सब मिल धूम मचाओ री,
आए हैं ऋतुराज सजीले, गीत स्वागतम् गाओ री.