लघुकथा – गाय और कुत्ता
कालोनी में रहनेवाले शर्मा जी अपने गाँव गये, तो वहाँ से एक देशी गाय ख़रीद लाये। उन्होंने गाय को अपने घर के लॉन में एक कोने पर बाँध दिया और उसके लिए चारा बोरियों में भरकर रख दिया।
कालोनी के कुछ लोगों ने पूछा, तो उन्होंने बताया कि यहाँ दूध अच्छा नहीं मिलता, इसलिए गाय लाये हैं, ताकि देशी गाय का शुद्ध दूध मिलता रहे।वे गौ मूत्र भी एकत्र करते रहेंगे, जो दवा बनाने के काम आता है। लोगों ने कहा कि यह तो ठीक है, पर कालोनी में गन्दगी हो जाएगी।
उन्होंने जबाब दिया- “गन्दगी क्यों होगी, हम उसे घर के अन्दर ही बाँधेंगे। बाहर खुला नहीं छोड़ेंगे। गन्दगी तो वर्मा जी, गुप्ता जी और चोपड़ा साहब के कुत्ते फैलाते हैं, जो रास्तों में इधर-उधर कहीं भी टट्टी कर देते हैं और गाड़ियों के टायरों पर मूतते फिरते हैं।” यह सुनते ही सबकी बोलती बंद हो गई।
— डॉ. विजय कुमार सिंघल