तलाकशुदा
‘ऐ जी !’’
‘‘हूँ।’’
‘‘आपसे एक जरूरी बात करनी है। डरती हूँ कहीं आप बुरा न मान जाएं।’’
‘‘ऐसी कौन सी बात है।’’
‘‘आप मुझे तलाक दे दीजिए।’’
‘‘क्या बक रही हो ! तुम्हारा दिमाग तो खराब नहीं हो गया है।’’
‘‘आप तो खामखाँ नाराज हो रहे हैं जी। आपकी तो नौकरी मिलने की उम्र निकल ही चुकी है। अगले महिने मेरी भी निकल जाएगी। ऐसे बेरोजगारी में कैसे गुजारा होगा। यदि आप मुझे तलाक दे देंगे तो मैं तलाकशुदा कहलाऊँगी और उम्र के साथ-साथ आरक्षण की भी हकदार बन जाऊँगी। नौकरी मिलते ही हम फिर से शादी कर लेंगे।”
अब वह गंभीरता से सोचने लगा।
– डाॅ. प्रदीप कुमार शर्मा