मुक्तक/दोहा

मुक्तक – होली का हुड़दंग

हास्य-व्यंग्य के संग, मचायें होली का हुड़दंग,
अबिर-गुलाल उड़ाकर छेड़ें, प्रीति-प्यार की जंग।
गुझिया खाकर, पिएं मिलाकर ठंढाई में भंग,
‘भान’,चलायें भरि पिचकारी, विविध काव्य के रंग।।

— उदयभान पाण्डेय ‘भान’

उदय भान पाण्डेय

मुख्य अभियंता (से.नि.) उप्र पावर का० मूल निवासी: जनपद-आज़मगढ़ ,उ०प्र० संप्रति: विरामखण्ड, गोमतीनगर में प्रवास शिक्षा: बी.एस.सी.(इंजि.),१९७०, बीएचयू अभिरुचि:संगीत, गीत-ग़ज़ल लेखन, अनेक साहित्यिक, सामाजिक संस्थाओं से जुड़ाव