हाइकु/सेदोका

होली

1.
वासन्ती पर्व
बन्धनों से हों मुक्त
देती है सीख।

2.
मन झूमता
रंग की है बौछार
मिलते यार।

3.
हँसी-मज़ाक
ये रंगीन-फुहार
उम्र भुलाए।

4.
फाग-तरंग
हँसे मन मलंग
खेलो रे रंग।

5.
झूमके नाची
अलसाई-सी देह
होली के संग।

6.
नशीला रंग
मन को दिया रँग
आओ खेले रंग।

7.
होली रंगीन
भिगोया जब तन
मन भी रँगा।

8.
फ़िज़ा रंगीन
फागुन की फुहार
मन क्यों सूना?

9.
रंग वही है
होली की खुमारी है,
मन न रँगा।

— जेन्नी शबनम (8. 3. 23)