नीर के दोहे
जल संकट से मत डरो ,इसका करो निदान ,
पानी की हर बूँद का ,कीमत जान सुजान।
जल से ही जीवन चले ,जल से चले जहान ,
जल का अपव्यय जो करे ,उसको मुजरिम मान।
जल से ही है हौसला ,जल से मिलती शान ,
जिसका पानी चूक गया ,वो निरीह इंसान।
नीर बचाना सीख ले ,व्यर्थ बहा मत यार ,
जल से ही है जिंदगी ,रटना बारम्बार।
पानी को पानी नहीं ,समझो मेरे यार ,
पानी से है हर ख़ुशी ,पानी से संसार।
— महेंद्र कुमार वर्मा