मुक्तक/दोहा

मुक्तक

ख्वाब को आंसुओं में बहाते नहीं

आस के दीप को यूं बुझाते नहीं
जो चुनी मंजिलें प्राप्त उनको करों
मोड़ को देख पथ छोड़ जाते नहीं।
लोग कुछ भी कहे ध्यान मत दीजिये
हार से जो मिला वह सबक लीजिये
व्यर्थ की बात पर गौर करना नहीं
लक्ष्य से ना नजर को अलग कीजिये।
आस विश्वास से पूर्ण मन तुम करो
जिंदगी को महकता चमन तुम करो
चीर के तम प्रबल भानु सा तुम बनों
तुच्छ कमजोरियों का दमन तुम करों ।
— नीतू शर्मा मधुजा

नीतू शर्मा 'मधुजा'

नाम-नीतू शर्मा पिता-श्यामसुन्दर शर्मा जन्म दिनांक- 02-07-1992 शिक्षा-एम ए संस्कृत, बी एड. स्थान-जैतारण (पाली) राजस्थान संपर्क- [email protected]