जियो हर पल अपनी ज़िन्दगी का हमेशा – बढी ही ख़ुशी के सीथ
ढहलती शाम ही नही फिर – चढता सूरज भी होगा आप के साथ
बात अपने दिल की कैहने के लिये – हीमत होनी चाहिये आप में
बात दूसरे के दिल की भी रखनी चाहिये – आप को आप के साथ
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ख़ुशियाँ आप के दिल की छीनी – जा सकती है किसी भी जुरम में
बरदाश्त करने की आप में – हिमत होनी चाहिये सब्र के साथ
रिश्ते दोस्ती के होते हैं – एक दूसरे का ख़्याल रखने के लिये
बनाये मत कभी भी रिश्ते आप – इस्तमाल करने के ख़्याल के साथ
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शुरू होते ही बरसात के – ताज़ा हो गैयीं वोह सारी यादें हमैरी
याद आ गैईं वोह सारी शामें – गुज़ारी थीं जो हम ने एक साथ
रात तो कट जाती है जैसे तैसे – मगर सुबाह होते है अब
जाग उठती हैं वोह सब आहें – सो रही होती हैं जो जिगर के साथ
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यिह किस मक़ाम पर ले आई है – हमें बे ख़ुदी हमारे दिल की
गुज़र रहे थे दिन हमारे अछी तराह से – व़ीरानों मे तनहाई के साथ
रातें तो हमारी गुज़र ही जाती हैं – रोने धोने में जैसे तैसे
दिन गुज़रते ही नही हमारे – अकेले होते हैं जब हम अपने साथ
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मैहफ़िल सज जाती है दरद की – हाल दिल का जब बियान करते हैं –मदन–
दव़ा की ही नही दुआ की भी ज़रूरत है- जीते हैं इस उमीद के साथ
एक चिहरे में हमारे छुपे हैं – कैई चिहरे हमारी ज़िनदगी के इस ज़माने में
आंसुओं से भरी अपना आंखें – लिये फिरते हैं हम तो हर जगाह अपने साथ