आध्यात्मिक चिंतन
चिंताऔर चिंतन मानवीय गुण है
इसमें कुछ नया नहीं पर अति विशेष है,
आजादी भी भरपूर है।
जो चाहे कीजिए आप पर निर्भर है।
तो आइए! आप भी कुछ कीजिए
या तो चिंता का विकल्प चुनिए
और रोग, शोक बढ़ाइए
स्वास्थ्य का नाश कीजिए
क्रोध को जन्म दीजिए
बनते काम को बिगाड़िए
अच्छे परिणामों की उम्मीद में
दुष्परिणामों को रास्ता दीजिए
परिवार समाज में अपनी छवि बिगाड़िए
अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी चलाइए
और अपने जीवन का सत्यानाश कीजिए।
या फिर दूसरा विकल्प अपनाइए
आध्यात्मिक चिंतन कीजिए
अपना आज ही नहीं कल भी संवारिए
जीवन सहजता से गुजारिए
ईश्वर को अपने पास महसूस कीजिए
सब कुछ उस पर छोड़कर
सिर्फ अपना कर्म और ईश्वर का भजन कीजिए,
सब अच्छा ही होगा ये विश्वास रखिए,
सच मानिए जीवन आसान हो जाएगा
आपके आस पास का वातावरण भी
पवित्र, पावन, खुशहाल नजर आयेगा
मानवीय मूल्यों का विकास मुफ्त में हो जायेगा।
आप खुद में कहांँ अटके पड़े हैं
घर, परिवार, समाज, राष्ट्र में भी
मानवीय मूल्यों का अतिशय प्रकाश फैल जायेगा,
हमारा, आपका ही नहीं हर मानव का जीवन
बहुत खुशहाल हो जायेगा
आध्यात्मिक वातावरण चहुँ ओर हो जायेगा,
ये मानव जीवन धन्य हो जायेगा।