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महत्वाकांक्षी

महत्वाकांक्षी

“बाप रे बाप ! इतना सारा लाइट… कितने सारे पटाखे जला रहे हैं ये लोग… छी… छी… देखो, कितना धुंआ उड़ रहा है।” एक बारात के प्रोसेसन में पेट्रोमेक्स उठाए हुए महिला की गोद में बैठा पांच साल का लड़का रमेश अपनी मां से बोला।

“हां बेटा, शादी-ब्याह जिंदगी में बार-बार थोड़े न ही होते हैं। इसलिए पैसे वाले लोग जश्न मना रहे हैं।” मां ने बताया।

“”पर मां ये तो जश्न के नाम पर सरासर बेवकूफी है न। बेवजह लाइटिंग, पटाखे के नाम पर फिजूलखर्ची और प्रदूषण फैलाकर कैसा जश्न मनाना ?” रमेश ने पूछा।

“बेटा, बात तो तुम्हारी एकदम सही है, पर हम क्या कर सकते हैं ? इनके इसी जश्न से हमारी दो पैसे की कमाई हो जाती है।” मां ने समझाते हुए कहा।

“मां, कमाई तो हम कोई और काम करके भी कर सकते हैं न। मैं इस बेवकूफी पूर्ण कार्य पर रोक लगाऊंगा मां।” रमेश बड़े सयानों की तरह बोला।

साथ में दूल्हे राजा की बड़ी-सी डिजाइनर छतरी लेकर चल रहे उसके पिताजी ने हंसते हुए कहा, “अरे छुटकू, तू कैसे रोक लगाएगा इसमें ?”

“बापू, आप देखना जब मैं पढ़-लिख कर कलेक्टर बनूंगा, तो सबसे पहले यही आदेश जारी कर दूंगा कि शादी-ब्याह और अन्य मांगलिक एवं सार्वजनिक कार्यक्रम दिन में ही संपन्न किए जाएं। पटाखे चलाने पर तो स्थाई रूप से रोक लगा दूंगा।” रमेश बोला।

“और यदि कलेक्टर नहीं बन सका तो ?” पिताजी ने मजाक के मूड में पूछ लिया।

“नहीं बनने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता बापू। पर हां, यदि किसी कारणवश मैं कलेक्टर नहीं बन सका, तो कम से कम मैं अपनी और अपने परिवार के किसी भी ऐसे कार्यक्रम को दिन में ही कराऊंगा। पटाखे तो हर्गिज चलाने नहीं दूंगा।” रमेश बोला।

बेटे की आत्मविश्वास से भरी बातें सुनकर उसके माता-पिता मुस्कुराते हुए उसे प्यार से देखने लगे।

_डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़

*डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा

नाम : डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा मोबाइल नं. : 09827914888, 07049590888, 09098974888 शिक्षा : एम.ए. (हिंदी, राजनीति, शिक्षाशास्त्र), बी.एड., एम.लिब. एंड आई.एससी., (सभी परीक्षाएँ प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण), पीएच. डी., यू.जी.सी. नेट, छत्तीसगढ़ टेट लेखन विधा : बालकहानी, बालकविता, लघुकथा, व्यंग्य, समीक्षा, हाइकू, शोधालेख प्रकाशित पुस्तकें : 1.) सर्वोदय छत्तीसगढ़ (2009-10 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 2.) हमारे महापुरुष (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 10-10 प्रति नि: शुल्क वितरित) 3.) प्रो. जयनारायण पाण्डेय - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 4.) गजानन माधव मुक्तिबोध - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 5.) वीर हनुमान सिंह - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 6.) शहीद पंकज विक्रम - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 7.) शहीद अरविंद दीक्षित - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 8.) पं.लोचन प्रसाद पाण्डेय - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 9.) दाऊ महासिंग चंद्राकर - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 10.) गोपालराय मल्ल - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 11.) महाराज रामानुज प्रताप सिंहदेव - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 12.) छत्तीसगढ रत्न (जीवनी) 13.) समकालीन हिन्दी काव्य परिदृश्य और प्रमोद वर्मा की कविताएं (शोधग्रंथ) 14.) छत्तीसगढ के अनमोल रत्न (जीवनी) 15.) चिल्हर (लघुकथा संग्रह) 16.) संस्कारों की पाठशाला (बालकहानी संग्रह) 17.) संस्कारों के बीज (लघुकथा संग्रह) अब तक कुल 17 पुस्तकों का प्रकाशन, 80 से अधिक पुस्तकों एवं पत्रिकाओं का सम्पादन. अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादक मण्डल सदस्य. मेल पता : [email protected] डाक का पता : डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा, विद्योचित/लाईब्रेरियन, छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम, ब्लाक-बी, ऑफिस काम्प्लेक्स, सेक्टर-24, अटल नगर, नवा रायपुर (छ.ग.) मोबाइल नंबर 9827914888

One thought on “महत्वाकांक्षी

  • डॉ. विजय कुमार सिंघल

    बच्चे की उम्र 5 साल बतायी गयी है। इस उम्र के बच्चे में इतनी दूर तक सोचने की शक्ति नहीं होती। वह अवश्य 10-11 साल का रहा होगा।

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