पल्लव काव्य मंच की काव्य गोष्ठी
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मंच पर कवि सम्मेलन संचालक आदरणीय चंद्र प्रकाश गुप्त जी ने काव्य पाठ करने हेतु आमन्त्रित किया
एटा उत्तर प्रदेश के कवि श्री कृष्ण कुमार मानव जी ।
कवयित्री आदरणीया हिम्मत चोरड़िया प्रज्ञा कोलकाता पश्चिम बंगाल से
कवि श्री राज कुमार छापड़िया मुम्बई
बरेली उत्तर प्रदेश के कवि –
श्री श्याम बिहारी लाल शलभ जी
वाराणसी उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ कवि
आदरणीय डाॅ ब्रजेन्द्र नारायण द्विवेदी शैलेश जीपूरनपुर पीलीभीत से कविवर
श्री राजेश कुमाल जी राठौर
नान्देड़ महाराष्ट्र के कवि श्री जय प्रकाश नागला
गाजियाबाद उत्तर प्रदेश के कविवर श्री मान सिंह जी बघेल जी ।बिसौली बदायूँ से
युवा कविवर अविजीत अवि जी ।
देहरादून उत्तराखण्ड से कवि श्री सतेन्द्र शर्मा तरंग जी ।
खटीमा उत्तराखण्ड से कवि श्री राम रतन यादव जी ।
रामपुर , उत्तर प्रदेश से साहित्यविदुषी , कवयित्री डाॅ० प्रीति अग्रवाल जी ।
देहरादून उत्तराखण्ड के कवि श्री पवन कुमार सूरज जी ।
फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश से कवयित्री डाॅ०अन्जू अग्रवाल जी ।
सभी कवि कवयित्री रचनाकारों ने लोक मंगल की कामना को ध्यान में रखते हुए काव्य पाठनिष्पक्ष भाव से सामाजिक विसंगतियों एवं जन सरोकारों ,एवं राष्ट्र प्रेम को समर्पित काव्य रचनाएँ प्रस्तुत कर पल्लव काव्य मंच के पटल को गौरवान्वित किया । सच कहा जाए तो कवि निष्पक्ष ,हो कर विसंगतियों पर स्वयं की काव्य मय अभिव्यक्ति ही सच्ची राष्ट्र भक्ति है ।आप सभी आदरणीय ,आत्मीय जनों को चंदन अंतर्मन का आभार अशेष साधुवाद ।
मुख्य अतिथि प्रो डॉ शरद नारायण खरे ने कहा–“
ख़ूब खिलता रहे,नित चमन ये मेरा।
यह ही हर जन्म में बस वतन हो मेरा।
यह ही चाहत यही भाव अंतर मेरे,
तीन रंगों से निर्मित कफ़न हो मेरा।।”
कवि सम्मेलन का समापन ।जालौन उत्तर प्रदेश से काव्य साहित्य के सुपरिचित कवि साहित्य मनीषी आदरणीय श्री भास्कर सिंह जी माणिक के द्वारा कवि सम्मेलन को विराम दिया ।काव्य की यह सरस धारा सतत् ही बहती रहे ।इसी आशा और विश्वास के साथ आपका अपना ही ।
शिव कुमार चंदन ,