ऋषि मुनि सब हार गए
तेरा अंत किसी ने ना पाया
लीला तेरी देख के भगवन
होता है हमें अचंभा।
मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम जी
मनुष्य के रूप में अवतार लिया
मर्यादा की रक्षा खातिर
मां जानकी का परित्याग किया।
मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम जी
तेरे खेल है निरालें
हाथी से लेकर चींटी तक को
देता है तुमने दाना पानी।
ज्ञान की ज्योति जगाई ऐसे
और सारा संशय दूर किया
मर्यादा की रक्षा खातिर
मां जानकी का परित्याग किया।
हे निर्गुण, हे अनंत, हे अविनाशी
तेरी लीला है अति विचित्रकारी
पारब्रम्ह परमेश्वर हो तुम
तुम ही हो सबके स्वामी
मर्यादा की रक्षा खातिर
मां जानकी का परित्याग किया।
लीला है प्रभु जी अदभुत आपकी
गावत वेद पुराण अष्टदश
जो नर तुमको ध्याता है
वो मनवांछित फल पाता है
मर्यादा की रक्षा खातिर
मां जानकी का परित्याग किया।
— रेखा घनश्याम गौड़