कविता

पापा तो पापा होते हैं

पापा तो पापा होते हैं न पापा,फिर भी मुझे आप उन सबसे अलग लगते हो!!
आप के जैसे ही सबके पापा भी,
अपने बच्चों के लिए जी तोड़ मेहनत करते हैं,
उनके जीवन को संवारने में वे ख़ुद बिखरते हैं,
उनके चेहरे पर मुस्कान लाने को हर हद से गुजरते हैं,
फिर भी मुझे आप उन सबसे अलग लगते हो!!
आप के जैसे ही सबके पापा भी,
अपनों के लिए संघर्ष कर सुविधाएं दुरुस्त करते हैं,
बच्चों की ज़िंदगी में सारी खुशियां भरते हैं,
राह में आई मुश्किलों को परास्त करते हैं,
फिर भी मुझे आप उन सबसे अलग लगते हो!!
आप के जैसे ही सबके पापा,
निराशा में हिम्मत और हौसला-अफ़ज़ाई करते हैं,
सभी की उम्मीदों पर सदा खरा उतरते हैं,
बात बच्चों की हो तो हर क़दम फूँक कर रखते हैं,
फिर भी मुझे आप उन सबसे अलग लगते हो!!
देख पुलकित बच्चों को वे ख़ुद भी निखरते हैं,
उन पर बुरे साये के पर वे स्वत: कतरते हैं,
अपनों को देख जीते अपनों को ही देख मरते हैं,
फिर भी मुझे आप उन सबसे अलग लगते हो!!
कोई हो बीमार घर पर तो दिन रात वे जगते हैं,
अपनों को खोने से हरदम वे डरते हैं
अपनों के लिए अपनी तनिक न परवाह करते हैं,
फिर भी मुझे आप उन सबसे अलग लगते हो!!
कुछ तो ख़ास है न पापा आप में!!!
जन्मदिन मुबारक हो आपको पापा!!
— पिंकी सिंघल

पिंकी सिंघल

अध्यापिका शालीमार बाग दिल्ली