मुक्तक/दोहा

मुक्तक

उड़ने का ख्वाब रखता हूँ
फटे में टांग नहीं फसाता हूँ।
माँ की  परछाई को पाकर
मैं गगन  को  चूम  लेता  हूँ ॥
अरदास मै भी रोज करता हूँ
मेरे लिए कुछ नहीं मांगता हूँ ।
माँ की मीठी मुस्कान देखकर
मैं तो चार  धाम  घूम  लेता हूँ ॥
— गोपाल कौशल” भोजवाल”

गोपाल कौशल "भोजवाल"

नागदा जिला धार मध्यप्रदेश 99814-67300